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Friday, 11 April, 2025
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सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए सेना के तीनों अंगों के बीच तालमेल पर शीर्ष सैन्य नेतृत्व का जोर

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नयी दिल्ली, 11 अप्रैल (भाषा) देश के शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने यहां एक सम्मेलन में, सशस्त्र बलों के तीनों अंगों के बीच मजबूत तालमेल के माध्यम से ‘‘उभरती सुरक्षा चुनौतियों’’ का मुकाबला करने के लिए तैयारी के स्तर को रेखांकित किया।

शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने संचालन वातावरण के बारे में नौसेना कमांडरों के साथ अपना आकलन भी साझा किया।

‘नेवल कमांडरर्स कॉन्फ्रेंस, 2025’ का पहला चरण छह अप्रैल को कर्नाटक के कारवार सैन्य अड्डे पर आयोजित किया गया था, जबकि दूसरा चरण सात से 10 अप्रैल तक दिल्ली में हुआ।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने छह अप्रैल को कारवार में नौसेना के शीर्ष कमांडरों के साथ बातचीत के दौरान भारतीय नौसेना की अभियानगत तैयारियों और समुद्री सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की थी।

नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने कार्यक्रम के दौरान, नौसेना कमांडरों को युद्ध लड़ने और युद्ध दक्षता, बेड़े के रखरखाव और साजोसामान, नयी प्रौद्योगिकियों के एकीकरण और अन्य एजेंसियों के साथ तालमेल सहित सात प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया।

नौसेना के प्रवक्ता ने शुक्रवार को बताया कि सम्मेलन में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह के बीच बातचीत भी हुई, ‘‘जिन्होंने संचालन माहौल के बारे में अपना आकलन साझा किया और मजबूत तालमेल तथा सेना के तीनों अंगों (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) के बीच तालमेल के माध्यम से उभरती सुरक्षा चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए तैयारी के स्तर को रेखांकित किया।’’

भारतीय नौसेना ने भी शुक्रवार को ‘एक्स’ पर अलग-अलग पोस्ट में, हाल ही में संपन्न सम्मेलन के बारे में विवरण साझा किया।

नौसेना ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सम्मेलन के दौरान नौसेना कमांडरों को संबोधित किया। भारतीय नौसेना के नेतृत्व के साथ चर्चा के दौरान सशस्त्र बलों के एकीकरण और अनुसंधान एवं विकास पर विचार-विमर्श किया गया।’’

विदेश सचिव विक्रम मिस्री और भारत के जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने भी सम्मेलन के दूसरे चरण के दौरान कमांडरों के साथ बातचीत की।

नौसेना प्रवक्ता ने कहा, ‘‘विदेश सचिव ने बदलती वैश्विक व्यवस्था और हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा के लिए इसके निहितार्थों के बारे में जानकारी दी, वहीं जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने राष्ट्रीय विकास में नौसेना के महत्व और क्षेत्र में ‘पसंदीदा सुरक्षा साझेदार’ के रूप में भारत के उभरने पर जोर दिया।’’

भाषा सुभाष पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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