नई दिल्ली: झारखंड सुरक्षा बलों ने एक बड़ी नक्सल विरोधी कार्रवाई में झारखंड जन मुक्ति परिषद (JJMP) के प्रमुख पप्पू लोहरा को मुठभेड़ में मार गिराया. उसके सिर पर 10 लाख रुपये का इनाम था. इस ऑपरेशन में उसके दूसरे नंबर के कमांडर प्रभात गांघू को भी मार दिया गया, जिस पर 5 लाख रुपये का इनाम था.
JJMP प्रतिबंधित संगठन कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) से अलग हुआ एक गुट है.
मुठभेड़ शनिवार को झारखंड के लातेहार जिले के इचाबर के जंगलों में हुई. यह ऑपरेशन सुबह जल्दी शुरू हुआ था, जब सुरक्षाबलों को इलाके में सशस्त्र उग्रवादियों की मौजूदगी की सटीक जानकारी मिली.
झारखंड जन मुक्ति परिषद की शुरुआत 2010 के आसपास हुई थी, जब CPI(माओवादी) की झारखंड इकाई के कुछ सदस्यों और संगठन के शीर्ष नेतृत्व के बीच मतभेद हो गया था.
पप्पू लोहरा क्षेत्र के उग्रवादी नेटवर्क का अहम चेहरा था. सुरक्षा बलों के अनुसार, वह फिरौती, हत्या और सुरक्षा बलों पर हमलों सहित 60 से 70 आपराधिक मामलों में वांटिड था.
एक अहम झटका
सुरक्षा बलों के अनुसार, झारखंड जन मुक्ति परिषद इस क्षेत्र में सक्रिय रही है और कई गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल रही है. इस ऑपरेशन में इसके बड़े नेताओं की मौत को संगठन की गतिविधियों पर बड़ा झटका माना जा रहा है.
झारखंड पुलिस और अर्धसैनिक बलों सहित सुरक्षा बलों ने राज्य में माओवादी उग्रवाद से निपटने के लिए इस क्षेत्र में अभियान तेज कर दिया है.
ताजा जानकारी के अनुसार, जिला पुलिस और अर्धसैनिक बलों का ऑपरेशन सुबह 11:40 बजे तक जारी था, और घने जंगलों में JJMP के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही थी.
इससे पहले बुधवार को, छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में 72 घंटे चले ऑपरेशन में CPI (माओवादी) के महासचिव नामबाला केशव राव उर्फ बसवराजू और 26 अन्य माओवादी मारे गए थे.
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