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Saturday, 1 June, 2024
होमदेशकेरल के शीर्ष अधिकारियों ने ब्रिटेन की महारानी की कोच्चि यात्रा से जुड़ी यादें साझा की

केरल के शीर्ष अधिकारियों ने ब्रिटेन की महारानी की कोच्चि यात्रा से जुड़ी यादें साझा की

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कोच्चि, नौ सितंबर (भाषा) केरल के मुख्य सचिव वी पी जॉय एर्नाकुलम के जिलाधिकारी थे, जब महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने 25 साल पहले कोच्चि का दौरा किया था। शीर्ष नौकरशाह ने महारानी के दौरे को याद करते हुए कहा कि वह दो चीजों- बंदरगाह शहर की संस्कृति और इतिहास तथा वहां के लोगों के जीवन के बारे में जानने के लिए बहुत उत्साहित थीं।

महारानी ने 1997 में कोच्चि का दौरा किया था, जब भारत ब्रिटेन से अपनी स्वतंत्रता के 50 वें वर्ष का जश्न मना रहा था, और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के वरिष्ठ अधिकारी जॉय उनके साथ शहर के विभिन्न स्थानों पर गए थे।

कोच्चि के दौरे के दौरान महारानी ने पास के मत्तानचेरी में यहूदी स्ट्रीट और सिनेगॉग की यात्रा की थी, जो कि राष्ट्रमंडल में सबसे पुराना यहूदी पूजा स्थल है।

वरिष्ठ आईएएस अधिकारी जॉय ने महारानी की यात्रा के बारे में कहा, ‘‘उन्होंने सिनेगॉग और कोच्चि में यहूदी समुदाय की संस्कृति और इतिहास के बारे में जानकारी ली और समझने की कोशिश की। कई लोग महारानी और उनके पति एडिनबर्ग के ड्यूक प्रिंस फिलिप का अभिवादन करने आए थे। वह इस बारे में बहुत खुश थीं।’’

महारानी का स्कॉटलैंड स्थित बाल्मोरल कैसल में बृहस्पतिवार को निधन हो गया। वह 96 वर्ष की थीं।

सिनेगॉग 1568 में बनाया गया था और यह मत्तानचेरी पैलेस के बगल की जमीन पर बनाया गया जो कोचीन के तत्कालीन राजा ने प्रदान की थी। केरल सरकार के एक दस्तावेज के अनुसार, इसे 1662 में पुर्तगालियों द्वारा नष्ट कर दिया गया था और फिर दो साल बाद डच द्वारा इसका पुनर्निर्माण किया गया था।

महारानी के दौरे के दौरान शहर के पुलिस आयुक्त रहे जैकब थॉमस ने कहा कि महारानी की कोच्चि यात्रा का उद्देश्य शहरी गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत यहां मिनी कॉलोनी में बने आवासों का उद्घाटन करना था। उन्होंने मिनी कॉलोनी में रहने वाले कुछ लोगों से बातचीत की थी।

अपने प्रवास के दौरान महारानी ने सिनेगॉग, सेंट फ्रांसिस चर्च और मिनी कॉलोनी का दौरा किया।

उस वक्त गणमान्य व्यक्तियों की सुरक्षा व्यवस्था देखने वाले थॉमस ने कहा कि महारानी बहुत ही सहज और सीधी-सादी थीं और ऐसा प्रतीत होता था कि वह किसी को तकलीफ नहीं देना चाहती थीं। सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह बहुत ही सुखद और कमोबेश अनौपचारिक तरह का दौरा था।

राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) थॉमस ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘कोई अहंकार नहीं था, कोई शक्ति प्रदर्शन नहीं था। वह बहुत ही सुखद, बहुत विनम्र, बहुत सीधी-सादी और बहुत ही सरल थीं…कुछ अच्छी यादें हैं।’’

पूर्व डीजीपी ने कहा कि ब्रिटिश सुरक्षा अधिकारियों ने महारानी के दौरे से तीन महीने पहले ही उनकी सुरक्षा के इंतजाम शुरू कर दिए थे। थॉमस ने कहा कि महारानी को लेकर विमान यहां नौसेना के हवाई अड्डे पर उतरा था और जाने से पहले वह ‘‘एक सार्वजनिक समारोह’’ में शामिल हुई थीं।

महारानी की यात्रा के कुछ दिनों बाद, जॉय और थॉमस दोनों को लंदन के बकिंघम पैलेस से महारानी और उनके पति की दुर्लभ तस्वीरें मिलीं, जिसमें कहा गया था कि ‘‘यात्रा की शानदार यादें हैं।’’ दोनों अधिकारियों को अलग-अलग भेजी गई तस्वीरों पर महारानी के हस्ताक्षर थे।

भारत ने दिवंगत महारानी के सम्मान में रविवार को एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है।

भाषा आशीष नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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