मुंबई/अहमदाबाद: निसर्ग चक्रवात के बुधवार को तट से टकराने के खतरे को देखते हुए महाराष्ट्र्र और गुजरात ने आपदा से मुकाबले के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के दलों को तैनात कर दिया है और जिन क्षेत्रों के चक्रवात से प्रभावित होने की आशंका है वहां से लोगों को सुरक्षित निकाला जा रहा है.
उद्धव ने कहा दो दिनों तक घरों में रहें मुंबईकर
मुंबई पर समुद्री चक्रवात के खतरे को देखते हुए महानगर के हवाईअड्डे और बंदरगाहों पर अधिकारियों ने सुरक्षा के विषेश प्रबंध किए हैं. चक्रवात निसर्ग बुधवार को मुंबई के निकट तट पर पहुंचेगा. वहीं बीएमसी ने मुंबईकरों के लिए चार पन्नों की गाइडलाइन जारी की है साथ ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आगामी दो दिनों तक लोगों को घरों में रहने की सलाह दी है. उन्होंने लोगों से गुजारिश की है कि तूफान की बजह से बिजली संकट भी पैदा हो सकता है.
तूफान को देखते हुए जहां फिल्मी कलाकार आगे आए हैं वहीं अभिनेता अक्षय कुमार ने एक वीडियो जारी कर लोगों से घरों में रहने और बीएमसी द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करने को कहा है. अक्षय ने वीडियो में कहा, अगर हम गाइडलाइन को फॉलो करेंगे तो ये तूफान भी बिना हमें हानि पहुंचाए निकल जाएगा.
मुंबई हवाई अड्डे की परिचालक कंपनी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (मायल) ने कहा कि चक्रवात के खतरे को देखते हुए उसने यात्रियों और हवाई जहाजों की सुरक्षा के लिए वहां अनेक प्रबंध किए हैं.
DOs and DONTs for Mumbaikars to take on Cyclone Nisarga.
Dial 1916 and Press 4 for any cyclone related query or concern.#BMCNisargaUpdates pic.twitter.com/HY9xYVUmLD
— माझी Mumbai, आपली BMC (@mybmc) June 2, 2020
नागर विमानन महानिदेशालय ने भी एक परिपत्र जारी करके एयरलाइनों और पायलटों को खराब मौसम में विमान सेवाओं के परिचालन के संबंध में स्थायी दिशा निर्देशों का पालन करने को कहा है.
हवाई अड्डे पर बिजली की आपातकालीन व्यवस्था के लिए डीजल जनरेटरों का विशेष प्रबंध किया गया है.
जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह न्यास (जेएनपीटी) ने भी कहा है कि उसने तूफान के दौरान कठिनाई कम करने के लिए विभिन्न उपाय किए है. बंदरगाह प्रबंधकों ने सुरक्षा की दृष्टि से यात्री पोतों की सेवाएं निलंबित कर दी हैं.
जेएनपीटी ने भारतीय मौसम विभाग के अनुमान का हवाला देते हुए कहा है कि चक्रवात के तट पर प्रवेश के समय 50-60 किलो मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी चल सकती है.
लंगर डाले जहाजों से मंगलवार सात 11 बजे तक सामान उतरवा उन्हें बंदरगाह क्षेत्र से बाहर करने की योजना पर काम चल रहा था. प्रवेश के लिए इंतजार कर रहे जहाजों को स्थिति सामान्य होने तक रुके रहने का निर्देश है.
गुजरात और महाराष्ट्र कोविड से हैं सबसे प्रभावित
कोविड-19 महामारी के संकट से पहले से जूझ रहे दोनों पश्चिमी राज्यों ने चक्रवात से मुकाबले के लिए कमर कस ली है जो आज किसी भी समय मुंबई के पास तट से टकराने वाला है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत कर उन्हें केंद्र द्वारा हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को बताया कि अगले 12 घंटे में निसर्ग चक्रवात के ‘गंभीर चक्रवाती तूफान’ का रूप लेने की प्रबल आशंका है और यह बुधवार दोपहर को महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तट को पार कर जाएगा.
मुंबई के मौसम विज्ञान विभाग के उप महानिदेशक के एस होसलिकर ने ट्वीट कर बताया कि चक्रवाती तूफान उत्तरी महाराष्ट्र और हरिहरेश्वर और दमन के बीच अलीबाग के पास दक्षिण गुजरात के तट को तीन जून को पार करेगा और हवा की गति 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि चक्रवाती तूफान को देखते हुए लोगों को बचाकर निकालने के वास्ते राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के 10 दलों को राज्य के तटवर्ती क्षेत्रों में तैनात किया गया है.
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से ट्विटर पर एक चित्र के माध्यम से कहा गया, ‘एनडीआरएफ के 16 दलों में से 10 को चक्रवात के दौरान बचाव अभियान के लिए तैनात किया गया है और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की छह इकाइयों को रिजर्व रखा गया है.’
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से यह भी कहा गया कि कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए राहत और पुनर्वास कार्य के दौरान एहतियाती उपाय किए जाएंगे.
आगामी तूफान को देखते हुए सरकार की ओर से की गई तैयारियों के बारे में मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया कि मुंबई के अतिरिक्त ठाणे, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुगिरि जिले में चेतावनी जारी की गई है.
इसी बीच ठाकरे के कार्यालय ने बताया कि कच्चे घरों में रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है.
कार्यालय ने कहा, ‘मुंबई महानगर क्षेत्र की झुग्गियों और विशेषकर निचले स्थानों में रहने वाले लोगों को वहां से चले जाने का निर्देश दिया गया है.’
कार्यालय ने कहा कि जो अस्पताल कोविड-19 के मरीजों के लिए नहीं हैं उन्हें किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार किया जा रहा है.
राज्य सरकार बिजली कटने से रोकने के लिए भी कदम उठा रही है और पालघर और रायगढ़ जिले में रासायनिक उद्योगों और नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र के लिए भी एहतियात बरत रही है.
मुंबई महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) ने कहा कि चक्रवात को देखते हुए बांद्रा कुर्ला परिसर में स्थित उसके कोविड केंद्र के लगभग 150 मरीजों को एहतियात के तौर पर अन्य स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया है.
मुंबई होगा सबसे अधिक प्रभावित
एमएमआरडीए ने ट्वीट में कहा, ‘निसर्ग चक्रवात का खतरा मुंबई पर है. हालांकि कोविड-19 अस्पताल 80-100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं झेल सकता है लेकिन जीवन दांव पर है इसलिए एहतियात के तौर पर लगभग 150 मरीजों को बृहन्मुंबई महानगर पालिका द्वारा स्थानांतरित किया जा रहा है.’
एमएमआरडीए ने 1008 बिस्तरों का एक केंद्र स्थापित किया है जहां लगभग 150 मरीजों का उपचार किया जा रहा है.
एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि पश्चिमी नौसैनिक कमान ने अपने दलों को अलर्ट पर रखा है और वे चक्रवात का सामना करने के लिए तैयार हैं.
अधिकारी ने कहा कि नौसेना ने बचाव अभियान के लिए प्रशिक्षित अपने दलों को मुंबई में तैनात किया है.
उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में बाढ़ आने की संभावना है उनकी टोह ले ली गई है और सभी आवश्यक तैयारियां कर ली गई हैं.
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार की व्यवस्था करवार नौसैनिक क्षेत्र, गोवा नौसैनिक क्षेत्र और गुजरात दमन और दीव नौसैनिक क्षेत्र के लिए की गई है.
एक अधिकारी ने बताया कि रायगढ़ जिला कलक्टर और पुलिस अधीक्षक ने अलीबाग, मुरुड, श्रीवर्धन, महासला और नागांव रेवास क्षेत्रों का दौरा किया जो चक्रवात से प्रभावित हो सकते हैं.
रायगढ़ के पुलिस अधीक्षक अनिल पारस्कर ने कहा, “हमने मछुआरों की कालोनियों और अस्थायी घरों से 3,500 लोगों को निकाल कर स्कूल और सरकारी भवनों जैसे सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है.”
उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ की कम से कम चार टीमों को अलीबाग, श्रीवर्धन और अन्य स्थानों पर किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैनात कर दिया गया है.
गुजरात ने तटीय इलाकों पर उतारी एनडीआरएफ
गुजरात में प्रशासन ने चार तटीय जिलों से 78,000 लोगों को निकालने का काम शुरू कर दिया है. राहत आयुक्त हर्षद पटेल ने गांधीनगर में संवाददाताओं से कहा कि एनडीआरएफ के 13 और एसडीआरएफ के छह दलों को विभिन्न स्थानों पर तैनात किया गया है.
उन्होंने कहा कि वलसाड, सूरत, नवसारी और भरुच जिले में रहने वाले 78,971 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है.
पटेल ने कहा, ‘कोरोनावायरस महामारी को देखते हुए बचाव दलों को पीपीई किट दी गई है और आश्रय के स्थान पर सामाजिक दूरी और मास्क जैसे एहतियाती उपाय बरतने को कहा गया है.’
समुद्र तट के किनारे रहने वालों के लिए एक राहत भरी खबर में आईएमडी ने कहा कि चक्रवात के गुजरात के तट से टकराने की संभावना नहीं है.
NDRF teams conducted evacuation of population at Valsad, Gujarat: NDRF (National Disaster Response Force). #CycloneNisarga pic.twitter.com/tO31xGJ06r
— ANI (@ANI) June 3, 2020
हालांकि इसका प्रभाव तेज हवाओं और भारी बारिश के रूप में देखने को मिल सकता है. गुजरात मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक जयंत सरकार ने यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा, ‘वर्तमान अनुमान के अनुसार चक्रवात मुंबई के निकट अलीबाग पर टकराएगा. हालांकि चक्रवात दक्षिण गुजरात को पार नहीं करेगा, इसका प्रभाव तेज हवाओं और भारी बारिश के रूप में देखने को मिल सकता है.’
कोलंबिया विश्वविद्यालय में वातावरण विज्ञान विभाग के प्रोफेसर एडम सोबेल के अनुसार मुंबई में 1891 के बाद कोई बड़ा चक्रवाती तूफान नहीं आया है.
मुंबई में 2005 में भयंकर बाढ़ आई थी और उसके बाद 2017 और 2019 में भी शहर जलमग्न हो गया था लेकिन इसका कारण चक्रवात नहीं था.
आईएमडी के मुताबिक बुधवार को मुंबई के निचले स्थानों में रहने वालों को भारी बारिश, तेज हवाएं, समुद्र में ऊंची उठती लहरें और तूफान का सामना करना पड़ सकता है.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)