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Saturday, 16 November, 2024
होमदेशएशिया का सबसे बड़ा बायो-सीएनजी संयंत्र चलाने के लिए मप्र में किसानों से खरीदा जाएगा गोबर

एशिया का सबसे बड़ा बायो-सीएनजी संयंत्र चलाने के लिए मप्र में किसानों से खरीदा जाएगा गोबर

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इंदौर,19 फरवरी (भाषा) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को घोषणा की कि इंदौर में 150 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए बायो-सीएनजी संयंत्र ‘‘गोबर-धन’’ में गीले कचरे के साथ इस्तेमाल के लिए किसानों से गोबर खरीदा जाएगा।

चौहान इंदौर नगर निगम के देवगुराड़िया ट्रेंचिंग ग्राउंड पर 15 एकड़ में फैले इस संयंत्र के लोकार्पण समारोह को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित कर रहे थे। प्रदेश सरकार द्वारा ‘‘शहरी क्षेत्र से निकलने वाले गीले कचरे से बायो-सीएनजी बनाने की एशिया की सबसे बड़ी इकाई’ बताए जा रहे इस संयंत्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑनलाइन माध्यम से लोकार्पित किया।

मुख्यमंत्री चौहान ने लोकार्पण समारोह में कहा, ‘‘हम 550 टन प्रसंस्करण क्षमता वाले इस संयंत्र में शहरी क्षेत्र से निकलने वाला गीला कचरा तो डालेंगे ही, (बायो-सीएनजी उत्पादन के लिए) बैक्टीरिया विकसित करने के मकसद से इसमें गोबर का भी उपयोग किया जाएगा। इसलिए गोबर-धन के रूप में इसका नामाकरण सार्थक है।’

उन्होंने कहा, ‘हम बायो-सीएनजी संयंत्र में इस्तेमाल के लिए इंदौर के आसपास के ग्रामीण किसानों से गोबर खरीदेंगे।’

मुख्यमंत्री ने कहा कि सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) से बने इस संयंत्र के जरिये हर साल 1.30 लाख टन कार्बन उत्सर्जन घटेगा।

कार्यक्रम को केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंस से संबोधित किया।

अधिकारियों ने बताया कि इंदौर का ‘‘गोबर-धन’’ संयंत्र हर दिन 550 टन गीले कचरे (फल-सब्जियों और कच्चे मांस का अपशिष्ट, बचा या बासी भोजन, पेड़-पौधों की हरी पत्तियों, ताजा फूलों का कचरा आदि) से 17,000 से 18,000 किलोग्राम बायो-सीएनजी बना सकता है और इस ईंधन का एक हिस्सा शहर में 400 सिटी बसें (शहरी लोक परिवहन वाहन) चलाने में इस्तेमाल किया जा सकेगा।

उन्होंने बताया कि इंदौर के बायो-सीएनजी संयंत्र से हर रोज 100 टन जैविक खाद भी निकलेगी। भाषा हर्ष

सुरेश

सुरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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