विदिशा (मप्र), 25 मई (भाषा) केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को कहा कि 29 मई से देशभर में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की शुरुआत की जाएगी, जिसके अंतर्गत वैज्ञानिक किसानों के द्वार तक पहुंचेंगे और उन्हें कृषि को ‘लाभ का धंधा’ बनाने के गुर सिखाएंगे।
चौहान ने सीहोर जिले से ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ की शुरुआत के मौके पर यह बात कही।
केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं को रेखांकित करने और सभी पात्र लोगों को उनका लाभ सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र विदिशा में यह ‘पदयात्रा’ शुरू की।
उन्होंने कहा, ‘कृषि कल्याण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सर्वोच्च प्राथमिकता है। कृषि को लाभ का धंधा बनाने के लिए अब 29 मई से विकसित कृषि संकल्प अभियान की शुरुआत की जा रही है।’
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि इस अभियान के तहत वैज्ञानिकों की 2,170 टीमें बनाई जा रही हैं और हर टीम में तीन से चार कृषि वैज्ञानिक होंगे।
उन्होंने कहा, ‘ये वैज्ञानिक गांव-गांव जाएंगे और उस गांव की और आसपास के क्षेत्र की कृषि आधारित जलवायु, वहां की मिट्टी के अलग-अलग पोषक तत्व, अलग -अलग फसलों में कीटों का प्रकोप सहित अन्य सभी विषयों को समझकर किसानों को सलाह देंगे।’
चौहान ने कहा कि यह संवाद दोतरफा होगा, जिसमें किसान भी अपने सवाल पूछ सकेंगे और अपनी समस्याएं बता सकेंगे।
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वैज्ञानिक किसानों को आधुनिक शोध के बारे में बताएंगे कि किन परिस्थितियों में इस क्षेत्र में कौन सी फसल उपयुक्त है।
उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक यह भी बताएंगे कि फसल की कौन सी किस्म, बीज और खाद उपयोगी है।
मंत्री ने कहा कि किसानों से संवाद के दौरान यह बात भी निकलकर आएगा कि उनकी जरूरतों के हिसाब से शोध हो रहा है या नहीं।
उनके मुताबिक, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि ‘लैब टू लैंड’, यानी अनुसंधान खेतों तक पहुंचें, इसलिए विकसित भारत के लिए विकसित कृषि संकल्प अभियान बना है।’
चौहान ने अपने संसदीय क्षेत्र के सीहोर जिले के लाड़कुई में प्रधानमंत्री आवास योजना, वन विभाग की योजनाओं और आदिम जाति कल्याण की योजनाओं के हितग्राहियों से संवाद किया।
इसके साथ ही भादाकुई और छींदगांव में जैविक खेती, वाणिज्यिक खेती, उद्यानिकी व स्वरोजगार पर चर्चा की और लाड़ली बहना व लखपति दीदीयों से भी संवाद किया।
चौहान ने इस अवसर पर कहा, ‘विकसित भारत का प्रधानमंत्री का संकल्प मेरे लिए मंत्र बन गया है।’
उन्होंने कहा, ‘लेकिन भारत विकसित तब बनेगा, जब हमारा हरेक गांव विकसित बनेगा, मतलब ऐसा भारत जहां सड़क, बिजली, पानी का जाल बिछा हो, खेती उन्नत हो, हरेक परिवार रोजगार से जुड़ा हो, कोई भी इस धरती पर भूखा ना सोए, इलाज की बेहतर सुविधाएं हो। अपना हर क्षेत्र विकसित हो। ‘
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि विकसित भारत का मतलब केवल पुल, पुलिया, स्कूल और अस्पताल नहीं है, इसके आगे भी विकास का ये सिलसिला जारी रहे।
उन्होंने कहा, ‘विकसित भारत मतलब जहां मानवीय गरिमा का सम्मान होता हो, जहां गरीब भी किसी ना किसी साधन से जुड़ा हो, यहां की बहनों की आमदनी ऐसी हो कि वह शौर्य और स्वाभिमान के साथ अपनी जिंदगी बिता सकें।’
चौहान ने कहा कि विकसित भारत केवल प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद, विधायक नहीं बना सकते हैं, इसके लिए सबको प्रयत्न करना पड़ेगा।
उन्होंने कहा, ‘विकसित भारत के लिए गांव-शहर का हर इंसान गंभीर हो। वह सोचे कि मैं अपना गांव विकसित करने के लिए क्या योदगान दे सकता हूं।”
चौहान के साथ इस पदयात्रा में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक, अन्य वरिष्ठ अधिकारी और कई कृषि वैज्ञानिक भी शामिल हुए।
अपनी इस यात्रा के दौरान केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री प्रतिदिन 20-25 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे और अपने निर्वाचन क्षेत्र के प्रत्येक हिस्से को छूने का प्रयास करेंगे।
भाषा ब्रजेन्द्र नोमान
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