नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आधी आबादी के साथ न्याय के बिना न देश आगे बढ़ सकता है न समाज. उन्होंन कहा, “बहन बेटियों की झिझक टूटे, उनका आत्मविश्वास और सम्मान बना रहे, इसी उद्देश्य से पुलिस बल में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण के साथ-साथ लाडली लक्ष्मी, कन्या विवाह जैसी योजनाएं और कार्यक्रम आरंभ किए गए.”
उन्होंने महिलाओं सुरक्षा की ज़रूरत पर बल देते हुए कहा कि जब तक हम बहन-बेटी को समाज में बराबरी पर लाकर नहीं खड़ा कर देते, तब तक हम चैन की सांस नहीं लेंगे.
सीएम ने कहा कि अपराधियों में भय पैदा करने महिला हेल्प डेस्क को वाहन उपलब्ध कराकर गतिशील बनाने और महिलाओं के प्रति सम्मान का भाव विकसित करने के लिए आरंभ किया गया “अभिमन्यु अभियान”, महिला सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा.
मुख्यमंत्री प्रदेश के थानों में काम कर रही ऊर्जा महिला हेल्प डेस्क की महिला पुलिस कर्मियों को दोपहिया वाहन प्रदान करने के लिए मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
शिवराज ने 250 महिला पुलिस कर्मियों की स्कूटर रैली को फ्लैग ऑफ किया और महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों के प्रति पुरुषों को जागरूक करने तथा महिलाओं के प्रति सम्मान की भावना विकसित करने के उद्देश्य से संचालित अभिमन्यु अभियान की पुस्तिका “अभिमन्यु” का विमोचन भी किया.
कार्यक्रम में गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा, पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना तथा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
सीएम ने इस दौरान कहा कि बेटा-बेटी में भेद और घरेलू हिंसा की विकृत सोच को बदलने की जरूरत है. पुलिस में 30% महिलाओं की भर्ती से पीड़ित महिलाओं को थानों में अपनी व्यथा बयान करने और उस पर कार्रवाई कराने में मदद मिली है.
उन्होंने कहा कि हम क्रूर नहीं हैं, किंतु प्राय: यह देखा गया है कि बुरी प्रवृत्ति के लोग कड़ी कार्यवाही के बिना मानते नहीं है, इसलिए अपराधियों में भय पैदा करना आवश्यक है.
मुख्यमंत्री ने महिला पुलिस कर्मियों से आह्वान किया कि वे अपराधियों पर कार्यवाही करें और बहन बेटियों को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने में सहयोगी बने. इससे बहन-बेटियों का आत्मविश्वास और सम्मान बढ़ेगा और पुलिसकर्मियों की यश और कीर्ति का विस्तार होगा.
महिला सुरक्षा के लिए संचालित अभियानों को निरंतर चलाना जरूरी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ऑपरेशन मुस्कान जैसे महिला सुरक्षा के लिए संचालित किए जाने वाले अभियानों को निरंतर चलाने की आवश्यकता है. अभिमन्यु अभियान महिलाओं के प्रति सम्मान की भावना विकसित करने और बच्चों व युवाओं में संस्कार विकसित करने में सहायक होगा.
इस दौरान गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि संकल्प को धरातल पर उतारना सिद्धि कहलाता है. मुख्यमंत्री ने महिलाओं के सशक्तिकरण का जो संकल्प लिया है उसे लगातार वे धरातल पर उतारते जा रहे हैं. जब वे मुख्यमंत्री नहीं थे तब से महिलाओं के सशक्तिकरण के लिये कार्य कर रहे हैं.
लाडली लक्ष्मी योजना से लेकर लाडली बहना तक महिलाओं के आत्मबल को बढ़ाने के लिये जो कार्यक्रम किए जा सकते हैं, वे सभी उन्होंने किये है. प्रदेश में महिलाओं को नौकरियों में आरक्षण के साथ पंचायती राज संस्थाओं में सहभागिता भी सुनिश्चित की है. बेटियों के मान सम्मान के साथ प्रदेश के वातावरण को उनके लिये सुरक्षित बनाने के सभी प्रयास किए जा रहे हैं. जब बेटियों के हाथ में डंडा होता है, तो बाकी मौजूद बेटियां स्वयं को सुरक्षित समझती हैं, उनका आत्मबल भी बढ़ता है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला पुलिस की उपस्थिति से पुलिस बल को शक्ति मिलती है. मध्यप्रदेश में ही महिला अपराधों को नियंत्रित करने के लिये दुष्कर्मियों को फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है. प्रदेश में “ऊर्जा महिला हैल्प डेस्क” की बेटियों को प्रदाय की गई स्कूटियां निश्चित ही महिला अपराध रोकथाम में सहायक होंगी.
मुख्यमंत्री चौहान ने पुलिस बैंड पर बज रही “मध्यप्रदेश पुलिस हैं हम”, “यह भारत देश है मेरा” और “सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा” गानों की धुन पर 250 दोपहिया वाहनों की रैली को फ्लैग ऑफ किया.
कार्यक्रम के आरंभ में पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना ने मुख्यमंत्री को स्मृति-चिन्ह भेंट किया तथा निर्भया फंड के माध्यम से महिला थानों में स्थापित हेल्प डेस्क की गतिविधियों की जानकारी दी.
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