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Sunday, 3 November, 2024
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स्वाइन फ्लू से बचने के लिए नमस्ते करें या आदाब, गले भी न मिलें

यूपी में स्वाइन फ्लू पीड़ितों की संख्या लगातार बढ़ रही है. ऐसे में हर जिले में चिकित्सा अधिकारियों की ओर से एडवाइडरी जारी की जा रही है.

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लखनऊ:  यूपी में स्वाइन फ्लू के लगातार नए मामले सामने आ रहे हैं. मरीजों का आंकड़ा एक हजार से अधिक पहुंच चुका है. केवल राजधानी लखनऊ में ही 1 जनवरी से अब तक स्वाइन फ्लू के 311 पीड़ित मिल चुके हैं. ऐसे में सीएमओ (मुख्य चिकित्सा अधिकारी) की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है जिसमें हाथ मिलाने, गले मिलने से बचने का कहा गया है.

लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि गले  में तेज चुभन के साथ दर्द ,सांस फूलना, खांसी के बाद सीने में दर्द, नाखून नीले पड़ना आदि लक्षण मिलते ही डॉक्टर को दिखाएं. वहीं एडवाइजरी में हाथ मिलाने व गले मिलने से बचने को भी कहा गया है.
स्वाइन फ्लू यूनिट के नोडल अधिकारी डॉ.केपी त्रिपाठी का कहना है कि स्वाइन फ्लू ड्रॉपलेट इंफेक्शन से होता है. ऐसे में हाथ मिलाने, गले मिलने से बेहतर है कि ट्रेडिशनल (पारंपरिक) तौर तरीके- नमस्ते या आदाब करें. डब्लूएचओ (वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन) की गाइडलाइन भी यही कहती है. हाथ मिलाना, गले मिलना या किस करने से भी कई बार स्वाइन फ्लू का खतरा रहता है.
डॉ. केपी त्रिपाठी के मुताबिक साइंटिफिक भाषा में एयरस्टोल पार्टिकल के जरिए वायरस फैलने से स्वाइन फ्लू होने का खतरा पैदा होता है. इस कारण सेनीटाइजर से हाथ धोना बेहद जरूरी है.उन्होंने कहा कि जब भी खांसे छींके  अपने मुंह तथा नाक को साफ कपड़े /रुमाल /टिशू पेपर/ मास्क से ढक लें. समय-समय पर अपने हाथों को साबुन तथा गुनगुने पानी से धोते रहें. अपने मुंह तथा नाक को हाथ से न छुए. भीड़ भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें. यदि आपको फ्लू जैसे लक्षण है तो घर पर ही आराम करें.
राजधानी लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विक्रम सिंह ने बताया कि इसमें घबराने की जरूरत नहीं है. यह वायरल इंफेक्शन है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है. बुजुर्ग लोग, गर्भवती महिला, मोटे लोग और बच्चों को विशेष ख्याल रखना चाहिए. वह इसका वैक्सीन लगवा लें या फिर नाक में डालने वाली दवा का प्रयोग करें. लोगों से एक हाथ की दूरी से बात करें.

स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी 

इन्फ्लूएंजा ए एच1एन1 (स्वाइन फ्लू )से पीड़ित व्यक्ति से एक हाथ की दूरी अथवा 3 फीट की दूरी से बात करें ,जिससे संक्रमण से बचा जा सके. अधिक से अधिक मात्रा में पानी व द्रव पदार्थ पीएं. अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि के लिए ताजा पोषक, स्वास्थ्यवर्धक आहार लें. हरी सब्जियां ,मौसमी फल तथा साइट्रस फलों का अधिक सेवन करें. पूरी नींद ले.
हाथ ना मिलाएं, गले न मिलें.

मेरठ में सबसे अधिक मामले

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार यूपी में अब तक पिछले दो महीन में अब तक 1033 मरीज स्वाइन फ्लू के मिले हैं. पिछले 48 घंटे में तीन मौतें और 97 नए पीड़ित पाए गए हैं. वहीं जनवरी से लेकर अब तक यूपी में  सबसे अधिक मरीज मेरठ में पाए गए हैं. जनवरी से अब तक मेरठ मेडिकल कॉलेज में 1281 सैंपलों में 450 में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है. सीएमओ डा. राजकुमार ने बताया कि हर तीसरे सैंपल में वायरस मिल रहा है. धूप में उतार-चढ़ाव से वायरस का तेवर बिगड़ गया है.

गोरखपुर में भी स्वाइन फ्लू की दस्तक

गोरखपुर में स्वाइन फ्लू की दस्तक के बाद से हड़कंप मचा हुआ है. 11 मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि और लखनऊ में दो की मौत के बाद अब बीआरडी मेडिकल कॉलेज के एक चिकित्सक समेत दो लोगों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है. स्वाइन फ्लू से शहर के लोगों में दहशत है.
बीते दिनों स्वाइन फ्लू की चपेट में आए गोरखपुर के हुमायूंपुर के रहने वाले एक असिस्टेंट प्रोफेसर की लखनऊ में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. उनमें स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई थी. हालांकि वे लखनऊ के चिनहट में रहते थे. वहीं गोरखपुर के गगहा में एक विद्यालय के शिक्षक की भी स्वाइन फ्लू की पुष्टि के बाद लखनऊ में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. स्वाइन फ्लू से दो लोगों की मौत के बाद स्वास्थ्य महकमा अलर्ट हो गया है.
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