लखनऊ, 23 अगस्त (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि सुशासन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए न्यायिक व्यवस्था का सुगम और त्वरित होना आवश्यक है।
योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को यहां उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा संघ के 42वें अधिवेशन में न्यायिक अधिकारियों को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने न्यायपालिका को सुशासन का रक्षक बताते हुए कहा कि इसके सुदृढ़ीकरण के लिए उत्तर प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है।
योगी ने कहा कि “सुशासन का लक्ष्य तभी प्राप्त हो सकता है, जब हमारी न्यायिक व्यवस्था सुगम, त्वरित और सुलभ हो।”
उन्होंने कहा कि विकसित भारत के संकल्प को साकार करने के लिए विकसित उत्तर प्रदेश का निर्माण आवश्यक है तथा इसके लिए एक मजबूत और त्वरित न्यायिक व्यवस्था अनिवार्य है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार इस अवसर पर योगी ने उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा संघ की स्मारिका का विमोचन भी किया। इस दौरान उन्होंने न्यायिक सेवा संघ के लिए 50 करोड़ रुपये का ‘कॉर्पस फंड’ देने की घोषणा की।
योगी ने उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा संघ के 42वें अधिवेशन को ‘न्यायिक अधिकारियों का महाकुंभ’ बताते हुए कहा कि यह आयोजन न केवल एकता और परस्पर सहयोग का प्रतीक है बल्कि व्यावसायिक दक्षता और बेस्ट प्रैक्टिस को बढ़ावा देने का भी मंच है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सभी उपस्थित न्यायमूर्तियों, अवकाश प्राप्त न्यायमूर्तियों और प्रदेश भर से आए न्यायिक अधिकारियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह अधिवेशन ऐसे समय में आयोजित हुआ, जब भारत अपने संविधान के अमृत महोत्सव वर्ष में प्रवेश कर चुका है।
उन्होंने कहा कि संविधान की मूल भावना ‘न्याय, स्वतंत्रता और बंधुता’ इस आयोजन का आधार है।
योगी ने प्रयागराज के महाकुंभ का उल्लेख करते हुए कहा कि जिस तरह महाकुंभ आध्यात्मिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है, उसी तरह यह अधिवेशन न्यायिक अधिकारियों की एकता और उनकी पेशेवर दक्षता को प्रदर्शित करता है।
मुख्यमंत्री ने गर्व के साथ कहा कि उत्तर प्रदेश में देश का सबसे बड़ा उच्च न्यायालय मौजूद है।
योगी ने कहा, ‘‘प्रयागराज में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की मुख्य पीठ और लखनऊ में इसकी पीठ प्रदेश के लिए गौरव का विषय है। यह न केवल हमारे लिए, बल्कि देश और दुनिया के सामने उत्तर प्रदेश की छवि को विश्वास के रूप में प्रस्तुत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।’’
भाषा
आनन्द, रवि कांत
प्रशांत रवि कांत
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