राजौरी/जम्मू, 23 मई (भाषा) जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले का दौरा करने वाले तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों की उपेक्षा करने के लिए सरकार की आलोचना की।
प्रतिनिधिमंडल ने सीमा पार से हुई गोलाबारी से प्रभावित राजौरी जिले का दौरा करने के बाद यह आलोचना की।
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि वे संसद और अन्य प्रासंगिक मंचों पर सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की चिंताओं को उठाएंगे।
प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कहा कि वे पाकिस्तानी गोलाबारी से हुई मानवीय त्रासदी को देखने के बाद ‘टूटे दिल’ के साथ लौट रहे हैं और उन्होंने लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त की।
पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने सात मई को पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे, जिसके बाद पड़ोसी मुल्क के साथ तनाव बढ़ गया था।
टीएमसी प्रतिनिधिमंडल में सांसद डेरेक ओ ब्रायन, सागरिका घोष व मोहम्मद नदीमुल हक, पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री मानस भुनिया और पूर्व सांसद ममता ठाकुर शामिल हैं।
टीएमसी प्रतिनिधिनंडल के जम्मू-कश्मीर के तीन दिवसीय दौरे का शुक्रवार को आखिरी दिन था।
राज्यसभा सदस्य घोष ने अपने परिजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि वे राजौरी में प्रभावित लोगों को यह आश्वासन देने आए हैं कि पश्चिम बंगाल और भारत के लोग उनके साथ खड़े हैं।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “हम यहां पश्चिम बंगाल के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल और जनप्रतिनिधियों के साथ आए हैं। पिछले दो दिनों से हम सीमावर्ती इलाकों का दौरा कर रहे हैं। कल (बृहस्पतिवार को) हम पुंछ में थे।”
घोष ने कहा कि वह हाल की घटनाओं से हुई मानवीय क्षति को प्रत्यक्ष रूप से देखने के लिए अस्पताल आए थे।
भाषा जितेंद्र देवेंद्र
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