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मंगलवार, 3 जून, 2025
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टिपरा मोथा की युवा शाखा ने गोमती के जिलाधिकारी के विरूद्ध कार्रवाई नहीं होने पर लॉकडाउन की धमकी दी

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अगरतला, तीन जून (भाषा) टिपरा मोथा पार्टी की युवा शाखा ‘यूथ टिपरा फेडरेशन (वाईटीएफ)’ ने मंगलवार को धमकी दी कि अगर सरकार पार्टी प्रमुख का अपमान करने को लेकर गोमती के जिलाधिकारी के खिलाफ अगले सात दिनों में कार्रवाई करने में विफल रहती है, तो त्रिपुरा में ‘‘कोविड जैसा लॉकडाउन’’ लगा दिया जाएगा।

टिपरा मोथा पार्टी राज्य में भाजपा नीत गठबंधन सरकार की सहयोगी है।

इस ‘अल्टीमेटम’ से एक दिन पहले वाईटीएफ ने गोमती के जिलाधिकारी के कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया था।

वाईटीएफ कार्यकर्ताओं ने टिपरा मोथा प्रमुख प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा का अपमान करने को लेकर जिलाधिकारी तारियत कांति चकमा के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कार्यालय के मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया था।

वाईटीएफ के अध्यक्ष सूरज देबबर्मा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारे नेताओं और समर्थकों ने सोमवार को उदयपुर में जिलाधिकारी कार्यालय के सामने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया था। वाईटीएफ ने जिलाधिकारी द्वारा दिखाये गये अनादर का विरोध करते हुए गोमती जिले के अमरपुर और कोरबुक में उपजिलाधिकारी कार्यालयों में भी आंदोलन किया।’’

उन्होंने कहा कि अगर सरकार एक सप्ताह के भीतर जिलाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती है, तो टिपरा मोथा का युवा संगठन पूरे राज्य में वैसा ही ‘लॉकडाउन’ करेगा, जैसा कि कोविड-19 महामारी के दौरान देखा गया था।

उन्होंने कहा कि महाराजा (प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा) का अपमान गंभीर मुद्दा है।

उन्होंने कहा, ‘‘अब हम चाहते हैं कि महाराजा का अपमान करने के लिए जिलाधिकारी को निलंबित किया जाए। हम मुख्यमंत्री माणिक साहा से अनुरोध करते हैं कि वह इस मामले को बहुत गंभीर मानते हुए कार्रवाई करें। अगर राज्य में कुछ भी अनहोनी होती है, तो इसकी जिम्मेदारी आपकी होगी। हम नहीं चाहते कि जनता को परेशानी हो।’’

इस बीच, विपक्षी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी एवं विधानसभा में विपक्ष के नेता जितेंद्र चौधरी ने कहा, ‘‘ हमने 25 मई को टिपरा मोथा प्रमुख प्रद्योत किशोर माणिक्य और त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) के प्रमुख पूर्ण चंद्र जमातिया से मुलाकात नहीं करने को लेकर गोमती के जिलाधिकारी की आलोचना की है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ पार्टी ने वाईटीएफ समर्थकों द्वारा उदयपुर में जिलाधिकारी कार्यालय पर विरोध रैली आयोजित करने की भी निंदा की है, जिसमें उन्होंने कार्यालय के मुख्य द्वार को बंद कर दिया और नारे लगाए।’’

भाषा

राजकुमार दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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