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सोमवार, 19 मई, 2025
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न्यायाधीशों पर मुकदमा चलाने के लिए पूर्व मंजूरी के फैसले पर पुनर्विचार का समय आ गया है: धनखड़

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नयी दिल्ली, 19 मई (भाषा) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय के उस फैसले पर पुनर्विचार करने का समय आ गया है, जिसमें कहा गया था कि शीर्ष अदालत और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पूर्व मंजूरी की आवश्यकता होगी।

उन्होंने उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा से जुड़े कथित नकदी बरामदगी मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में देरी पर भी सवाल उठाया।

धनखड़ ने मामले की जांच कर रही तीन न्यायाधीशों की आंतरिक समिति द्वारा गवाहों से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त करने के कदम को भी ‘‘गंभीर मुद्दा’’ बताया।

उन्होंने कहा, ‘‘यह एक गंभीर मुद्दा है। ऐसा कैसे किया जा सकता है?’’

मामले में वैज्ञानिक आपराधिक जांच की आवश्यकता पर बल देते हुए धनखड़ ने कहा कि देश में हर कोई सोच रहा है कि क्या यह मामला दब जाएगा, क्या यह समय के साथ ठंडे बस्ते में चला जाएगा।

एक पुस्तक के विमोचन समारोह को संबोधित करते हुए, धनखड़ ने कहा कि के. वीरास्वामी फैसले पर ‘‘पुनर्विचार करने का समय आ गया है।’’

वर्ष 1991 का के. वीरास्वामी बनाम भारत संघ मामला उच्चतम न्यायालय द्वारा दिया गया एक अहम निर्णय है, जो उच्च न्यायपालिका के न्यायाधीशों को भ्रष्टाचार-रोधी कानूनों के दायरे में लाने से संबंधित है और न्यायिक स्वतंत्रता के महत्व को रेखांकित करता है।

शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में रेखांकित किया था कि न्यायाधीश वास्तव में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत ‘‘लोक सेवक’’ हैं, लेकिन उसने कहा कि किसी न्यायाधीश पर मुकदमा चलाने के लिए पूर्व मंजूरी की आवश्यकता होगी।

भाषा शफीक दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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