नयी दिल्ली, 24 फरवरी (भाषा) केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बृहस्पतिवार को कहा कि अनुसंधान और नवोन्मेष किसी देश को विकास की ओर ले जाते हैं तथा स्वास्थ्य क्षेत्र में उद्यमिता और नवोन्मेष के माध्यम से भारत के लिए अपनी क्षमता का प्रदर्शन करने का समय आ गया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में भारत ने आत्मनिर्भरता की दिशा में कई उल्लेखनीय कदम उठाए हैं, खासकर महामारी के दौरान टीका विकास में।
मांडविया और स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने मेडिकल, डेंटल, पैरा-मेडिकल संस्थानों/ कॉलेजों में चिकित्सा पेशेवरों, वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकीविदों के लिए जैव चिकित्सा नवोन्मेष और उद्यमिता पर आईसीएमआर/डीएचआर नीति शुरू की।
स्वास्थ्य मंत्री मांडविया ने कहा, ‘मुझे अत्यधिक उम्मीद है कि डीएचआर-आईसीएमआर की यह नीति सभी हितधारकों को प्रेरित, प्रोत्साहन और प्रोत्साहन देगी।’’
उन्होंने कहा, ‘यह बहु-विषयक सहयोग सुनिश्चित करेगी, स्टार्ट-अप संस्कृति को बढ़ावा देगी और देशभर के चिकित्सा संस्थानों में एक नवाचार के नेतृत्व वाले पारिस्थितिकी तंत्र का विकास करेगी।’
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि नीति के अनुसार चिकित्सा पेशेवरों को स्टार्टअप बनाकर उद्यमशीलता के उपक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जो कंपनी के गैर-कार्यकारी निदेशक या वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में सहायक होंगे।
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नेत्रपाल माधव
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