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Saturday, 23 November, 2024
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टिकटॉक, वीचैट को सशस्त्र बलों ने मोदी सरकार के रोक लगाने से पहले ही बंद कर दिया था

इस महीने के शुरू में सेना ने 89 एप्स की एक ताज़ा सूची जारी की थी, कि इनके इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई जाएगी. इस सूची में टिकटॉक, वीचैट, ज़ूम, यहां तक कि फेसबुक भी शामिल हैं.

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नई दिल्ली: सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए सोमवार को नरेंद्र मोदी सरकार के 59 चीनी एप्स पर पूरी तरह पाबंदी लगाने से पहले ही सुरक्षा बलों ने टिकटॉक, वीचैट और दूसरे चीनी सोशल मीडिया एप्लीकेशंस पर पाबंदी या बंदिशें लगा दी थीं.

देश की सम्प्रभुता, अखण्डता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हानिकारक मानते हुए सरकार ने बहुत से मोबाइल एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया है. जिनमें बेहद लोकप्रिय टिकटॉक, शेयरइट और वीचैट शामिल हैं.

प्रतिबंध के तुरंत बाद ही केंद्र सरकार के दो अंगों- प्रेस सूचना ब्यूरो और माईगोवी- ने अपने अकाउंट टिकटॉक से हटा लिए, जो टियर 2 और टियर 3 शहरों में 15 से 25 वर्ष के युवाओं के बीच एक बेहद पॉपुलर वीडियो शेयरिंग प्रोग्राम है.

रक्षा सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि व्हाट्सएप के अलावा, ज़्यादातर सोशल मीडिया एप्स पहले ही बैन किए जा चुके थे या उनका इस्तेमाल सुरक्षा बलों से जुड़ी कोई जानकारी साझा करने में नहीं किया जा रहा था.

लेकिन, सूत्रों ने आगे कहा कि बताया जा रहा है कि बैन किए जाने के बाद भी कुछ सुरक्षाकर्मी टिकटॉक जैसे एप्स इस्तेमाल कर रहे थे, जो उनके बीच भी काफी लोकप्रिय था.

एक रक्षा सूत्र ने कहा, ‘इस बात को ध्यान में रखते हुए अहम जानकारियों की सुरक्षा के मद्देनज़र, अलग-अलग स्तरों पर मोबाइल्स की नियमित जांच की जाती है.’

89 प्रतिबंधित एप्स की सूची

रक्षा सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि इस महीने के शुरू में सेना ने 89 एप्लीकेशंस की एक ताज़ा सूची तैयार की थी- इनमें बहुत सी चीन में तैयार की गईं थीं- जिन्हें सुरक्षा कर्मियों के इस्तेमाल के लिए प्रतिबंधित किया जाना था.

इस लिस्ट में टिकटॉक, वीचैट, शेयरइट, ज़ूम, कैमस्कैनर, पीयूबीजी, ट्रूकॉलर, और फेसबुक व इंस्टाग्राम तक शामिल हैं.

एक सीनियर आर्मी ऑफिसर ने कहा, ‘साइबर सिक्योरिटी के हर तिमाही, छमाही और वार्षिक आंकलन के आधार पर, ख़तरे की धारणा का नियमित रूप से पुनर्मूल्यांकन किया जाता है और नई कमज़ोरियों को उजागर किया जाता है. ताज़ा सूचियों को सभी कमांड्स और यूनिट्स को भेजा जाता है.’

सूत्रों के मुताबिक़, हाल ही में भेजे गए एक कम्यूनिकेशन में सेना ने ये भी कहा था कि इस साल एक जून तक सभी सुरक्षाकर्मियों के फेसबुक अकाउंट, सिर्फ निष्क्रिय नहीं बल्कि हटा दिए जाने चाहिए और 15 जुलाई के बाद फेसबुक और दूसरे प्रतिबंधित साइट्स को इस्तेमाल करने वाले लोगों को रिपोर्ट किया जाएगा.

2017 में, चीन की सीमा से लगे सैनिकों से कहा गया था कि अपने स्मार्ट फोन्स को फॉरमैट करा लें और ऐसी बहुत सी एप्स हटा दें. जिन्हें खुफिया एंजेंसियों ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हानिकारक पाया है, क्योंकि उनके चीनी हैकर्स के साथ लिंक्स संभव हो सकते हैं.

42 एप्लीकेशंस की एक लिस्ट को, जिसमें ट्रूकॉलर और वीचैट शामिल थे. उस समय तुरंत प्रभाव से बैन कर दिया गया.

दिप्रिंट ने पहले ख़बर दी थी कि सेना ने अपने अधिकारियों से कहा था कि अपने फेसबुक अकाउंट्स निष्क्रिय करने पर विचार करें और ये भी कहा था कि व्हाट्सएप एक असुरक्षित प्लेटफॉर्म है. इसलिए इसका इस्तेमाल किसी आधिकारिक संदेश के लिए नहीं करना चाहिए. ये भी कहा गया कि ये ख़ुफिया जानकारी जुटाने का एक अहम ज़रिया हैं.

इस साल के शुरू में नौसेना ने भी पिछले साल एक ‘जासूसी गिरोह का पर्दाफाश’ होने के बाद, 85 एप्लीकेशंस पर पाबंदी या बंदिशें लगा दीं थीं. जिनमें फेसबुक, इंस्टाग्राम, वीचैट, वाइबर, टम्बलर, रेडिट और ट्रूकॉलर शामिल थे.

सूत्रों ने बताया कि भारतीय वायुसेना भी प्रतिबंधित एप्स और साइट्स की ऐसी ही लिस्ट का पालन करेगी.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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