नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी के जेल में बंद नेता सत्येंद्र जैन के अनुरोध पर दो लोगों को उनके सेल में स्थानांतरित करने के लिए, जेल प्रशासन ने तिहाड़ की जेल नंबर 7 के अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
यह घटना जैन द्वारा तिहाड़ जेल के अंदर से एक आवेदन पत्र लिखे जाने के बाद सामने आया है, जिसमें उन्होंने जेल प्रशासन से उन्हें दो और कैदियों के साथ सेल में रखने का अनुरोध किया था. तिहाड़ जेल के एक अधिकारी ने कहा, जैन ने डिप्रेशन और अकेलेपन का हवाला देते हुए 11 मई को तिहाड़ के जेल अधीक्षक से अनुरोध किया था कि जेल में उनके साथ दो और लोगों को रखा जाए.
जैन ने अपने आवेदन में कहा कि वह अकेलेपन के कारण उदास और दुखी महसूस कर रहे हैं. एक मनोचिकित्सक ने उन्हें ज्यादा लोगो के आस पास रहने का सुझाव दिया और उन्होंने कम से कम दो और व्यक्तियों के साथ रहने की सलाह दी. उन्होंने एक ही वार्ड के वार्ड नंबर पांच के दो लोगों के नाम भी बताए. अधिकारी ने कहा, जिसके बाद तुरंत उनका अनुरोध स्वीकार कर लिया गया और दो व्यक्तियों को उनके कक्ष में ले जाया गया.
हालांकि, जेल प्रशासन ने कारण बताओ नोटिस के साथ आप नेता के साथी कैदियों को वापस उनके सेल में भेज दिया.
जेल प्रशासन के अनुसार अधीक्षक ने बिना प्रशासन को सूचित किये यह निर्णय लिया जबकि प्रक्रिया के अनुसार बिना प्रशासन को सूचित किये और अनुमति लिये किसी भी कैदी को दूसरे सेल में स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है.
जेल में मालिश
जैन पिछले साल जून से तिहाड़ जेल में बंद हैं. इससे पहले पिछले साल नवंबर में एक सीसीटीवी फुटेज वायरल हुआ था और आप नेता को जेल के अंदर से पूरे शरीर की मालिश करते हुए देखा गया था.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सत्येंद्र के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की कई धाराओं के तहत 24 अगस्त, 2017 को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई पहली सूचना रिपोर्ट के आधार पर मनी-लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की थी. जिसमें जैन, पूनम जैन, अजीत प्रसाद जैन, सुनील कुमार जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन के नाम भी शामिल हैं.
सीबीआई ने 3 दिसंबर, 2018 को सत्येंद्र कुमार जैन, पूनम जैन, अजीत प्रसाद जैन, सुनील कुमार जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी.
चार्जशीट में कहा गया है कि सत्येंद्र जैन ने 14 फरवरी, 2015 से 31 मई, 2017 की अवधि के दौरान दिल्ली सरकार में मंत्री के पद पर रहते हुए, अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की थी.
सीबीआई ने सत्येंद्र कुमार जैन और अन्य पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत अपराध करने का आरोप लगाया है.
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