प्रयागराज, नौ मई (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 24 नवंबर, 2024 को संभल में हुई हिंसा में कथित तौर पर संलिप्त रहे तीन युवकों- फैजान, शाने आलम और मोहम्मद रिहान को जमानत दे दी है।
न्यायमूर्ति डॉक्टर गौतम चौधरी ने बृहस्पतिवार को इन युवकों की जमानत मंजूर की।
याचिकाकर्ताओं के वकील ने दलील दी कि संभल घटना के संबंध में 700-800 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी जिसमें आरोप लगाया गया है कि जब वे पथराव कर रहे थे, अचानक एक व्यक्ति ने गोली चला दी जिससे एक पुलिसकर्मी के पैर में गोली लगी।
उन्होंने यह दलील भी दी कि याचिकाकर्ता पूरी तरह से निर्दोष हैं और मौजूदा मामले में इन्हें झूठा फंसाया गया है। घटना में इनकी कोई विशेष भूमिका नहीं है। साथ ही गोली व्यक्ति के पैर में लगी जिससे उसकी जान को खतरा नहीं हुआ।
अदालत को इस बात के लिए भी आश्वस्त किया गया कि याचिकाकर्ता कानूनी प्रक्रिया में हर तरह का सहयोग करने को तैयार हैं और जब भी जरूरत पड़ेगी, अदालत के समक्ष हाजिर होंगे। साथ ही वे सभी तरह की शर्तें स्वीकार करने को तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि इस मामले में आरोपी 28 नवंबर, 2024 से जेल में निरुद्ध हैं और उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है।
अदालत ने कहा, “सभी तथ्यों और परिस्थितियों, आरोपों की प्रकृति और अपराध की गंभीरता पर विचार करते हुए यह जमानत का मामला बनता है। इसलिए जमानत मंजूर की जाती है।”
उल्लेखनीय है कि एक स्थानीय अदालत के आदेश पर एक अधिवक्ता आयुक्त की अगुवाई में 24 नवंबर को मुगलकालीन जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान संभल में हिंसा भड़क गई थी जिसमें चार व्यक्तियों की मृत्यु हो गई थी और कई घायल हो गए थे।
भाषा राजेंद्र रंजन
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