मथुरा (उप्र), 27 मई (भाषा) शाही मस्जिद ईदगाह में ‘‘यथास्थिति’’ बनाए रखने सहित विभिन्न अनुरोधों के साथ तीन अलग-अलग आवेदन शुक्रवार को मथुरा में सिविल जज सीनियर डिवीजन ज्योति सिंह की अदालत में दायर किए गए। अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी।
जिला शासकीय अधिवक्ता (नागरिक) संजय गौड़ ने बताया, “आवेदन के माध्यम से यथास्थिति बनाए रखने, दो सहायक अधिवक्ता आयुक्तों की नियुक्ति और अधिवक्ता आयुक्त द्वारा मस्जिद के मौके पर निरीक्षण के समय जिला स्तर के अधिकारियों की उपस्थिति के लिए अनुरोध किया गया हैं।”
अधिकारियों ने बताया कि श्री कृष्ण विराजमान और लखनऊ निवासी मनीष यादव (जो खुद को कृष्ण का वंशज बताते हैं) ने 15 दिसंबर 2020 को मस्जिद को स्थानांतरित करने के लिए एक वाद दायर किया था, जिसमें याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि कटरा केशव देव मंदिर की 13.37 एकड़ भूमि के एक हिस्से पर इसका निर्माण किया गया है।
अधिकारियों के अनुसार, मुकदमे के प्रतिवादी उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष, सचिव शाही मस्जिद ईदगाह, प्रबंध न्यासी श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट और सचिव श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान हैं।
याचिकाकर्ता के वकील दीपक शर्मा ने बताया कि इस मुकदमे के तहत अदालत में तीन आवेदन दाखिल किए गए। याचिकाकर्ता के वकील ने दावा किया कि पहले आवेदन में मस्जिद में यथास्थिति बनाए रखने का अनुरोध किया गया है।
एक समाचार चैनल की खबर का हवाला देते हुए दावा किया गया है कि मस्जिद के अंदर एपिग्राफ, धार्मिक चिह्नों सहित हिंदू मंदिरों के महत्वपूर्ण चिह्न दबे हुए हैं। याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत की गर्मियों की लंबी छुट्टी के दौरान मंदिर के चिह्नों को नष्ट करने की आशंका व्यक्त की है। याचिकाकर्ता का दावा है कि ये चिह्न मस्जिद में मौजूद हैं।
याचिकाकर्ता के वकील के अनुसार, अदालत से अनुरोध किया गया है कि उपरोक्त आशंका का एकमात्र विकल्प शाही मस्जिद ईदगाह में यथास्थिति बनाए रखना है।
भाषा सं चंदन जफर गोला
गोला
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.