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रविवार, 20 अप्रैल, 2025
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जम्मू-कश्मीर के रामबन में भारी बारिश के कारण तीन लोगों की मौत, 100 से अधिक लोगों को बचाया गया

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(तस्वीरों के साथ जारी)

रामबन/जम्मू, 20 अप्रैल (भाषा) जम्मू कश्मीर के रामबन जिले में रविवार तड़के भारी बारिश के कारण अलग-अलग जगहों पर आई बाढ़ में तीन लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि लगातार बारिश के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर नाशरी और बनिहाल के बीच करीब एक दर्जन स्थानों पर भूस्खलन और मिट्टी धंसने की घटनाएं हुईं जिनके कारण यातायात को रोक दिया गया।

उन्होंने बताया कि रामबन के सेरी बागना गांव में बादल फटने से तीन लोगों की मौत हो गई। मृतकों में से दो की पहचान अकीब अहमद और मोहम्मद साकिब के रूप में की गई है। वे दोनों भाई थे।

उन्होंने बताया कि गांव में बचाव अभियान जारी है।

इन तीन लोगों की मौत होने के साथ ही जम्मू क्षेत्र में पिछले दो दिन में बारिश से जुड़ी घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है। इससे पहले, रियासी जिले के अरनास इलाके में शनिवार देर रात बिजली गिरने से एक महिला समेत दो लोगों की मौत हो गई थी और एक अन्य महिला घायल हो गई थी।

अधिकारियों ने बताया कि धर्म कुंड गांव में अचानक आई बाढ़ के कारण करीब 40 मकान क्षतिग्रस्त हो गए। उन्होंने बताया कि 10 मकान पूर्णतः क्षतिग्रस्त हो गए और शेष को आंशिक क्षति पहुंची।

अधिकारियों ने बताया कि बादल फटने और लगातार बारिश के बावजूद पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और उन्होंने फंसे हुए 100 से अधिक ग्रामीणों को बचाया।

उन्होंने बताया कि एक जलाशय के उफान पर होने के कारण कई वाहन बह गए।

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि भारी बारिश, बादल फटने, तेज हवाओं, भूस्खलन और ओलावृष्टि के कारण पूरे जिले में भारी नुकसान हुआ है।

अधिकारी ने कहा, ‘‘हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं और बाद में (नुकसान का) आकलन किया जाएगा ताकि प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान की जा सके। इस समय हमारी प्राथमिकता लोगों की जान बचाना है।’’

यातायात विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि नाशरी और बनिहाल के बीच कई स्थानों पर भूस्खलन, मिट्टी धंसने और पत्थर गिरने की घटनाओं के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर दोनों ओर से वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है।

उन्होंने बताया कि राजमार्ग पर बारिश जारी है और लोगों को मौसम में सुधार होने तथा सड़क साफ होने तक मुख्य सड़क पर यात्रा न करने की सलाह दी गई है।

अधिकारियों ने बताया कि 250 किलोमीटर लंबे राजमार्ग के बंद होने के कारण इस पर सैकड़ों यात्री फंस गए हैं। यह कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाला एकमात्र सड़क मार्ग है।

अधिकारियों ने बताया कि पंथियाल के पास भी सड़क का एक हिस्सा बह गया है। उन्होंने बताया कि फंसे हुए सभी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने स्थिति का आकलन करने के लिए बाद में एक बैठक बुलाई है।

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने त्वरित कार्रवाई कर लोगों की जान बचाने के लिए उपायुक्त बसीर उल हक चौधरी के नेतृत्व वाले जिला प्रशासन की सराहना की।

उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘रामबन शहर के आसपास के इलाकों समेत रामबन क्षेत्र में रात भर भारी ओलावृष्टि हुई, कई जगह भूस्खलन हुआ और तेज हवाएं चलीं। राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हो गया है, दुर्भाग्य से तीन लोग मारे गए हैं और कुछ परिवारों की संपत्ति का नुकसान हुआ है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं उपायुक्त के लगातार संपर्क में हूं। जिला प्रशासन समय पर और त्वरित कार्रवाई के लिए प्रशंसा का पात्र है जिसके कारण कई कीमती जानें बचाने में मदद मिली।’’

उधमपुर से सांसद सिंह ने कहा कि वित्तीय मदद समेत हर तरह की राहत प्रदान की जा रही है।

सिंह ने कहा, ‘‘उपायुक्त को बता दिया गया है कि यदि जरूरत पड़ी तो सांसद के निजी संसाधनों से भी और अधिक सहायता उपलब्ध कराई जा सकती है। मेरा अनुरोध है कि आप घबराएं नहीं। इस प्राकृतिक आपदा से हम सब मिलकर निपटेंगे।’’

भाषा सिम्मी प्रशांत

प्रशांत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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