बेंगलुरु, 20 अप्रैल (भाषा) कर्नाटक में इंजीनियरिंग और अन्य संकायों के लिए सामान्य प्रवेश परीक्षा (सीईटी) के दौरान शिवमोगा में एक छात्र का ‘जनेऊ’ अपवित्र करने की घटना के बीच, बीदर, गडग और धारवाड़ में तीन और छात्रों को ‘जनेऊ’ उतारने के लिए मजबूर करने का मामला सामने आया है।
तीन ब्राह्मण छात्रों ने अब आरोप लगाया है कि या तो उन्हें परीक्षा हॉल में प्रवेश नहीं करने दिया गया या फिर परीक्षा से पहले ही उनके जनेऊ उतारने के लिए उन्हें मजबूर किया गया।
बीदर में एक अन्य छात्र को कथित तौर पर सीईटी परीक्षा देने की अनुमति देने से इनकार कर दिया गया। छात्रा की शिकायत और बीदर जिले के उपायुक्त द्वारा मांगे गए स्पष्टीकरण के बाद, साईं दीप एजुकेशन एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संचालित साईं स्पुर्ति पीयू कॉलेज के प्रधानाचार्य और द्वितीय श्रेणी के सहायक को बर्खास्त कर दिया गया।
हालकेरी (गडग जिला) और धारवाड़ में भी परीक्षा अधिकारियों द्वारा कथित तौर पर जनेऊ को काटकर कूड़ेदान में फेंकने का मामला सामने आया है।
एक छात्र ने धारवाड़ में संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस घटना के बाद मैं इतना परेशान हो गया था कि मैं परीक्षा पर ध्यान केंद्रित नहीं कर सका।’’
भाषा धीरज रंजन
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