जयपुर, 14 अप्रेल (भाषा) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि संविधान देश की आत्मा है और सामाजिक समरसता एवं धर्म निरपेक्षता संविधान की मूल भावनाओं में शामिल है।
उन्होंने कहा, ‘‘बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर ने मानव मात्र के बीच जाति, धर्म और वर्ण के आधार पर भेदभाव नहीं करने का संदेश दिया। उनकी जयंती पर आज हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि सभी धर्मों एवं जातियों को साथ लेकर इस देश को एक व अखंड रखेंगे।’’
गहलोत बृहस्पतिवार को बिड़ला सभागार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा राज्य-स्तरीय डॉ. भीमराव आंबेडकर जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि देश में सभी लोग घृणा, नफरत एवं भेदभाव भुलाकर सद्भाव एवं भाईचारे के साथ रहें, यही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
गहलोत ने बाबा साहब की 131वीं जयंती पर उन्हें नमन करते हुए कहा कि डॉ. आंबेडकर एक महान दार्शनिक, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, समाज सुधारक एवं बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने दलित एवं वंचित वर्गों को समाज की मुख्यधारा में लाने की बात कही।
उन्होंने कहा कि सरकार में शामिल लोगों को अपनी शपथ याद रखते हुए संविधान की मूल भावना का निर्वहन करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा, ‘‘संविधान की शपथ लेने वाले इसकी मूल भावना को आत्मसात करते हुए कानून की रक्षा करें, सभी के कल्याण की बात हो और हर धर्म दूसरे धर्म का सम्मान करे, आज इसकी महती आवश्यकता है।’’
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