नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) विधि आयोग के एक ऐसी सिफारिश करने की संभावना है, जिसके लागू होने के बाद सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के कृत्यों में शामिल लोगों को उनके द्वारा किये गये नुकसान के बराबर धनराशि जमा करने के बाद ही जमानत मिल सकेगी।
यह ज्ञात हुआ है कि विधि आयोग सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम में बदलाव की सिफारिश करते हुए सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के कृत्यों में शामिल लोगों के लिए कड़े जमानत प्रावधानों का प्रस्ताव कर सकता है।
ऐसी संभावना थी कि यदि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने में शामिल लोग नष्ट की गई संपत्ति के मूल्य के बराबर राशि का भुगतान करते हैं, तो यह दूसरों को ऐसे कार्यों का संलिप्त होने से रोकेगा। वर्ष 2015 में सरकार ने कानून में संशोधन का प्रस्ताव दिया था, लेकिन इससे संबंधित विधेयक नहीं लाया जा सका था।
विधि आयोग ने उच्चतम न्यायालय के कुछ निर्देशों और कुछ उच्च न्यायालयों के निर्णयों की पृष्ठभूमि में इस विषय पर परियोजना शुरू की थी।
ऐसा समझा जाता है कि विधि आयोग आपराधिक मानहानि कानून से संबंधित एक रिपोर्ट पर भी काम कर रहा है और इसमें कोई बदलाव न करने की सिफारिश कर सकता है।
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