पणजी, 28 अगस्त (भाषा) गोवा सरकार ने गणेश चतुर्थी उत्सव से पहले देश भर में खाद्य और हस्तशिल्प उत्पादों को बेचने के लिए स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को डिजिटल मंच प्रदान करने वाली अपनी महत्वाकांक्षी पहल ‘चतुर्थी ई-बाजार’ को जारी रखने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने 2023 में ‘चतुर्थी ई-बाजार’ की शुरुआत की थी, जिसे लोगों ने काफी पसंद किया था।
सावंत ने कहा, ‘‘स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं ऐसे खाद्य पदार्थ तैयार करती थीं, जिनकी गणेश चतुर्थी त्योहार में खूब मांग होती है, लेकिन उन्हें इन उत्पादों के विपणन के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘तब राज्य सरकार ने ऐसी योजना लाने का निर्णय किया, जो ग्रामीण स्वयं सहायता समूहों को ऑनलाइन मंचों के माध्यम से मुख्यधारा के बाजारों से जोड़ सके।’’
उन्होंने कहा कि इस पहल को और व्यापक बनाने के वास्ते स्वयं सहायता समूहों को इस मंच से हस्तशिल्प उत्पाद आदि भी बेचने की अनुमति दी गई।
पिछले वर्ष इस पहल की पूरी रूपरेखा योजना एवं सांख्यिकी निदेशालय ने तैयार की थी और जिस तरह से इसे पसंद किया गया उसने निदेशालय को हैरानी में डाल दिया था।
योजना एवं सांख्यिकी विभाग के निदेशक विजय सक्सेना ने कहा, ‘‘हमने 500 से अधिक ऑर्डर ऑनलाइन बुक किए, जिससे 20.37 लाख रुपये की बिक्री हुई।’’
सक्सेना ने बताया कि पहले वर्ष 152 विक्रेता इस मंच से जुड़े और 250 से अधिक उत्पाद ऑनलाइन मंच से बेचे गए।
उन्होंने बताया, ‘‘खाद्य उत्पादों की ब्रिकी केवल गोवा में ही की गई, लेकिन हस्तशिल्प की मांग ओडिशा, तमिलनाडु और बिहार में भी रही।’’
उन्होंने कहा कि पहले वर्ष में ही इतनी सफलता से स्वयं सहायता समूह इस वर्ष भी उत्साहित हैं।
इस पहल की सफलता बंदरगाह शहर वास्को के पास चिकालिम में ‘प्रगति महिला ग्राम सेवा संघ’ की महिलाओं की मुस्कुराहट में झलकती है।
समूह की प्रमुख रंजीता नाइक ने कहा, ‘‘समूह की ज्यादातर सदस्य गृहणियां हैं। इस योजना ने उन्हें पैसे कमाने और आत्मनिर्भर बनने में मदद की है।’’
भाषा माधव शोभना सुरेश
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