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शुक्रवार, 25 अप्रैल, 2025
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यह ‘राष्ट्रीय आपदा’ नहीं: रामबन में राष्ट्रीय राजमार्ग की समीक्षा के बाद मुख्यमंत्री अब्दुल्ला

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(तस्वीरों के साथ)

रामबन, 21 अप्रैल (भाषा) जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि रामबन जिले में भारी बारिश और बादल फटने से अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन से हुई तबाही को ‘राष्ट्रीय आपदा’ घोषित नहीं किया जा सकता। हालांकि, उन्होंने प्रभावित परिवारों को पर्याप्त राहत देने का आश्वासन दिया।

अब्दुल्ला जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर रामबन जिला मुख्यालय से कुछ किलोमीटर दूर केला मोड़ पर पत्रकारों से बात कर रहे थे। क्षेत्र में भूस्खलन की कई घटनाओं के कारण राजमार्ग लगातार दूसरे दिन भी बंद रहा।

मुख्यमंत्री को रामबन कस्बे में बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित गांवों का दौरा करना था, लेकिन संपर्क मार्ग बह जाने के कारण उन्हें श्रीनगर लौटना पड़ा। उन्होंने मंगलवार को जम्मू की ओर से गांवों का दौरा करने का वादा किया।

रविवार को बादल फटने से आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण सड़कों और आवासीय भवनों सहित बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है। इसमें दो भाई-बहनों सहित तीन लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक लोगों को बचा लिया गया।

अब्दुल्ला को आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा करना था, लेकिन खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर से यात्रा नहीं हो सकी। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री को जब बताया गया कि बनिहाल क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग को साफ कर दिया गया है, तो उन्होंने सड़क मार्ग से यात्रा की।

अधिकारियों ने बताया कि ताजा बारिश के बावजूद अब्दुल्ला शाम करीब साढ़े पांच बजे मारूग पहुंचे और बाद में व्यक्तिगत रूप से स्थिति का जायजा लेने के लिए सर्वाधिक प्रभावित केला मोड़ की ओर गए।

यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी सरकार इस आपदा को ‘‘राष्ट्रीय आपदा’’ घोषित करने के लिए केंद्र से संपर्क करेगी, अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘यह राष्ट्रीय आपदा नहीं बल्कि स्थानीय आपदा है। यह एक आपदा है और इसलिए पीड़ितों को उनके जीवन को फिर से पटरी पर लाने के लिए राहत प्रदान की जाएगी।’’

उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को नुकसान का आकलन करने और विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘प्रभावित लोगों को तत्काल राहत प्रदान की जाएगी। हम अपने स्तर पर पैकेज की व्यवस्था करेंगे और मैं केंद्र से भी बात करूंगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर मौसम अनुकूल रहा तो मैं व्यक्तिगत रूप से रामबन शहर के अन्य बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति का जायजा लूंगा और मंगलवार को अधिकारियों की एक बैठक की अध्यक्षता भी करूंगा।’’

मुख्यमंत्री ने क्षतिग्रस्त सड़क पर लगभग दो किलोमीटर पैदल चलकर यात्रा की। उन्हें उपायुक्त बसीर-उल-हक चौधरी और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों ने स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग को दुरुस्त करना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

उपमुख्यमंत्री सुरेन्द्र चौधरी ने रामबन से विधायक अर्जुन सिंह राजू और बनिहाल से विधायक सज्जाद शाहीन के साथ रविवार शाम मुख्यमंत्री के निर्देश पर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया, जो उस समय दिल्ली में थे।

अब्दुल्ला सोमवार सुबह श्रीनगर पहुंचे और घोषणा की कि वह आज रामबन का दौरा करेंगे।

इससे पहले, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के परियोजना निदेशक पुरुषोत्तम कुमार ने कहा कि राजमार्ग पर एक दर्जन से अधिक स्थानों पर, विशेष रूप से सेरी और मरूग के बीच चार किलोमीटर के हिस्से में, भारी मात्रा में मलबा जमा होने के कारण चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि कुछ स्थानों पर कीचड़-मलबे की ऊंचाई 20 फुट से भी अधिक है। अधिकारी ने कहा कि राजमार्ग को यातायात के लिए पुनः खोलने में पांच से छह दिन लगने की संभावना है।

भाषा नेत्रपाल माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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