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Monday, 23 December, 2024
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‘ताश नहीं खेलना है, रिश्तेदारी में नहीं जाना है’- ग्रामीण भारत ने की कोरोनावायरस से जोरदार लड़ाई की तैयारी

एक तरफ शहरी मध्यमवर्गीय लोग देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान नेटफ्लिक्स देख रहे हैं, ऑनलाइन थेरेपी का सहारा ले रहे हैं तो दूसरी ओर ग्रामीण भारत के लोग टिकटोक, लाइकी और वीमेट जैसे ऐप्स पर वीडियोज बना रहे हैं.

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नई दिल्ली: एक तरफ शहरी मध्यमवर्गीय लोग कोविड-19 महामारी के चलते हुए देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान नेटफ्लिक्स देख रहे हैं, ऑनलाइन थेरेपी का सहारा ले रहे हैं तो दूसरी ओर ग्रामीण भारत के लोग टिकटोक, लाइकी और वीमेट जैसे पॉप्युलर ऐप्स पर वीडियोज बना रहे हैं. इन वीडियोज में प्रशासन मुस्तैद दिखाई दे रहा है तो पुलिस भी लोगों को लॉकडाउन का मतलब समझाती नजर आ रही है.

गौरतलब है कि इस वक्त देश में कोरोनावायरस के मरीजों व इससे होने वाली मौतों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. सरकार ने रामायण और महाभारत जैसे सीरियल दोबारा टेलिकास्ट कराए हैं. न्यूज भी ज्यादा पढ़ी जा रही हैं और वीडियो एप्स पर वीडियोज भी भारी संख्या में अपलोड किए जा रहे हैं.

‘ताश नहीं खेलना है, रिश्तेदारी में नहीं जाना है’

वीमेट एक वीडियो ऐप है जो ग्रामीण भारत के टिकटोक की तरह भी जाना जाता है. इस ऐप के यूजर्स द्वारा शेयर किए गए वीडियोज से पता चलता है कि प्रशासन लाखों ग्रामीणों तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है. कहीं लाउडस्पीकर्स के जरिए इस वायरस की गंभीरता को समझाया जा रहा है तो कहीं दुकानों के बाहर छह फीट की दूरी पर खड़े रहने के निशान बनाए जा रहे हैं. साथ ही ग्राम पंचायतें भी ग्रुप बनाकर ताश न खेलने के निर्देश भी वीडियोज के जरिए जारी कर रही हैं.

उत्तर प्रदेश के बलिया के यूजर जितेश कुमार ने एक वीडियो शेयर किया है जहां सरकारी अधिकारी साइकिल चलाते हुए आम लोगों को कोविड-19 बीमारी के बारे में आगाह कर रहे हैं. गलियों में खड़े लोग अधिकारी की बात को ध्यान से सुनते हुए नजर आ रहे हैं. बिहार के समस्तीपुर के मैक्स खान ने भी एक ऐसा ही वीडियो शेयर किया है जहां ऑटो रिक्शा के जरिए बताया जा रहा है कि हमारे पास अभी भी इस खतरनाक बीमारी से बचने का समय है.

एक अन्य वीडियो में जहानाबाद के प्रिंस लाल गबरू ने जीप में घूम रही पुलिस का वीडियो अपलोड किया है जो लोगों को घरों में रहने के लिए ही कह रही है. साथ ही ये बात भी साफ की जा रही है कि जरूरत के सामान वाली दुकानें खुली रहेंगी ताकि लोग घबराएं नहीं.


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प्रवासी मजदूरों के पलायन पर शायरी 

वहीं दूसरी ओर टिकटोक पर भी ग्रामीण भारत से जुड़े बहुत से वीडियो सामने आए हैं. जिसमें महिलाएं घर में ही अपने बच्चों के साथ गाना गाते हुए वीडियो लगा रही हैं. कई लड़के शक्तिमान बनकर घर की छतों पर कोरोनावायरस को पराजित भी कर रहे हैं. गौरतलब है कि शक्तिमान सीरियल को भी दोबारा टेलिकास्ट किया जा रहा है और इसका पार्ट दो बनने की खबरें भी सामने आ रही हैं.

हाल ही में देशभर के प्रवासी मजूदरों के मार्मिक वीडियो भी टिकटोक पर फैले हैं. इसके बाद ग्रामीणों ने गांव न छोड़कर जाने के वीडियो अपलोड करने शुरू कर दिए हैं. जैसे दीपकसोनिया नाम की एक महिला यूजर ने शायरी गाते हुए वीडियो लगाया है कि पुरखों की जमीन बेचकर गांव से न जाया करो, कब छोड़ना पड़े शहर, इसलिए एक घर गांव में बनाया करो.

मगर ऐसा भी नहीं है कि इन ऐप्स पर सिर्फ मजेदार वीडियो ही सामने आ रहे हैं. बहुत सारे यूजर बार-बार साबुन से हाथ धोने और मास्क पहनने की बात अलग-अलग अंदाज में बता रहे हैं. जैसे हंसराज सोना नाम के यूजर ने सनी देओल के डायलॉग साथ बोल रहे हैं कि इसी में सबकी भलाई वरना आज ये जट बिगड़ तो सैंकड़ों को ले मरेगा.

हालांकि लोग महंगी सब्जी खरीदकर भी परेशान हैं. लेकिन इन ऐप्स पर वीडियो के जरिए वो परेशानी को भी वीडियो के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं. जैसे यूपी की शिवानी कुमारी नाम यूजर ने अपने मामा के साथ वीडियो अपलोड किया है कि आलू कितने में लाए? जिससे पता चलता है कि लॉकडाउन के चलते आलू 50 रुपए में मिल रहा है.

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