मदुरै (तमिलनाडु), चार फरवरी (भाषा) तमिलनाडु का मनोरम पहाड़ी शहर थिरुपरनकुंद्रम, जहां भगवान सुब्रह्मण्यम का मंदिर स्थित है, मंगलवार को पुलिस गढ़ में तब्दील हो गया, क्योंकि मुदैरे जिला प्रशासन की ओर से लगाई गई निषेधाज्ञा के बाद 10 जिलों के चार हजार से अधिक पुलिस कर्मियों और अधिकारियों ने वहां मोर्चा संभाल लिया।
पुलिस ने पहाड़ी पर मांसाहारी भोजन खाने वाले लोगों के एक वर्ग के खिलाफ मंगलवार को आंदोलन की घोषणा करने वाले हिंदू मुन्नानी (हिंदू मोर्चा) के लगभग आठ कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।
हालांकि, पहाड़ी पर स्थित मंदिर भगवान सुब्रह्मण्यम (मुरुगन) को समर्पित है, लेकिन वहां सिकंदर बदुशा दरगाह भी मौजूद है। हाल ही में लोगों के एक समूह ने पहाड़ी पर कथितर रूप से मांसाहारी भोजन का सेवन किया, जिससे हिंदू श्रद्धालुओं में नाराजगी है।
पुलिस ने बताया कि एहतियात के तौर पर हिंदू मुन्नानी के आठ सदस्यों को हिरासत में लिया गया है।
हिंदू मुन्नानी के एक नेता ने कहा कि मदुरै में निषेधाज्ञा लागू करने के जिला प्रशासन के फैसले को मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ में चुनौती दी गई है।
हिंदू मुन्नानी के सदस्यों को हिरासत में लिए जाने और क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू किए जाने के फैसले की निंदा करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एच राजा ने कहा कि जब राष्ट्रीय एजेंसियां तमिलनाडु में छिपे आतंकवादियों को गिरफ्तार करने में जुटी थीं, तब राज्य पुलिस ने हिंदू संगठनों के उन सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया, जो थिरुपरनकुंद्रम पहाड़ी पर शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करना चाहते थे। उन्होंने कहा, ‘‘यह स्थिति एक दिन बदल जाएगी।’’
आदेश को ‘लोकतांत्रिक अधिकारों और श्रद्धालुओं की भावनाओं का दमन’ करार देते हुए हिंदू मुन्नानी के प्रदेश अध्यक्ष कादेश्वर सुब्रमण्यम ने कहा कि उनका संगठन मदुरै की धरती से हिंदुओं के लिए स्वतंत्रता संग्राम शुरू करने में संकोच नहीं करेगा।
सुब्रमण्यम ने कहा, ‘‘अगर सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) को लगता है कि वह लोकतंत्र की आवाज और भक्तों की भावनाओं को बलपूर्वक दबा सकती है, तो हिंदू मुन्नानी एक बार फिर मुरुगन के भक्तों के समर्थन से प्रतिबंध को नजरअंदाज कर मदुरै की धरती पर हिंदुओं के लिए स्वतंत्रता संग्राम छेड़ेगा।’’
सुब्रमण्यम ने पुलिस पर आरोप लगाया कि उसने कई लोगों के खिलाफ प्रतिबंधों के उल्लंघन का झूठा मामला दर्ज किया है।
भाषा यासिर नरेश पारुल
पारुल
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