नई दिल्ली : भारत में दिल्ली, मुंबई और कोलकाता समेत सात हवाई अड्डों पर थर्मल स्क्रीनिंग के जरिये यात्रियों की जांच की व्यवस्था की गई है. कोरोनावायरस को लेकर नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी की है.
मंगलवार को जारी नगर विमानन मंत्रालय के आधिकारिक बयान के मुताबिक, हांगकांग समेत चीन के किसी भी हवाई अड्डे से देश में आने वाली उड़ानों के अंदर यह घोषणा करने को कहा गया है. अगर कोई भी यात्री बुखार या सर्दी के लक्षण से ग्रस्त हो जो बीते 14 दिनों के अंदर वुहान की यात्रा पर गया हो, भारतीय हवाई अड्डों पर पहुंचने पर अधिकारियों को जानकारी दे जिससे उनकी जांच की जा सके.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सभी लॉजिस्टिक सपोर्ट और व्यवस्था के लिए निर्देश दिया है. चिन्हित हवाई अड्डों पर हांगकांग सहित चीन से भारत आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग के संबंध में तत्काल व्यवस्था की जाए. जिसमें चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद और कोचीन में तीन हवाई अड्डों के अलावा दिल्ली, मुंबई और कोलकाता की पहचान पहले से की गयी थी.
भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोरोनावायरस को लेकर जानकारी दी है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एक्शन प्लान को तुरंत लागू करने और चिन्हित हवाई अड्डों और सभी संबंधित एयरलाइनों द्वारा सख्ती से पालन करने का आह्वान किया है.
कोरोनावायरस से मरने वालों की संख्या बढ़कर हुई नौ, संक्रमण के मामले बढ़ कर 440 हुए
चीन में सार्स जैसे नए विषाणु की चपेट में आने से मरने वालों की संख्सा बढ़कर बुधवार को नौ हो गई जबकि संक्रमण के मामलों में तेज इजाफा हुआ है और अब तक देश में इसके करीब 440 मामले सामने आ चुके हैं.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के उपमंत्री ली बिन ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि कोरोनावायरस श्वसन तंत्र के जरिए फैलता है और इससे ‘‘वायरल म्यूटेशन’ होने तथा रोग के और फैलने की आंशका बनी है.
इसके सामान्य प्रभावों के चलते सर्दी-जुकाम होता है, लेकिन ‘सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम’ (सार्स) से इसका जुड़ाव खतरनाक है, क्योंकि 2002-03 में चीन और हांगकांग में करीब 650 लोगों की मौत हो गई थी.
फिलहाल चीन के वुहान शहर में इससे जुड़े सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. एक करोड़ से अधिक की आबादी वाला वुहान एक प्रमुख परिवहन केंद्र है. इस सप्ताह के अंत में शुरू हो रही चीनी नववर्ष की वार्षिक छुट्टियों के लिए बड़ी संख्या में लोगों के चीन पहुंचने का अनुमान हैं, ज्यातरलोग यहां से होकर अपने गंतव्य तक पहुंचेंगे.
इस बीच, अमेरिका और मकाउ ने इस विषाणु के पहले मामलों की पुष्टि कर दी है. कोरिया, जापान में एक-एक और थाईलैंड में इसके तीन मामले पहले ही सामने आ चुके हैं.
अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों ने मंगलवार को अमेरिका में एक व्यक्ति के इसकी चेपट में आने की पुष्टि की. साथ ही वहां हवाई अड्डे पर स्वास्थ्य संबंधी जांच तेज कर दी गई है. सीएटल के 30 साल के एक पीड़ित को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और तमाम तरीके के एहतियात बरते जा रहे हैं. यह पीड़ित व्यक्ति चीन के वुहान से लौटा था, जहां इस विषाणु के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं.
वहीं मकाउ ने बुधवार को 52 साल की एक महिला उद्योगपति को इस विषाणु से पीड़ित होने की पुष्टि की, जो पिछले रविवार को वुहान से लौटी हैं.
मकाउ के स्वास्थ्य ब्यूरो के प्रमुख ली चिन-लोन ने कहा, ‘कई स्वास्थ्य जांच कराने के बाद उनके निमोनिया के नये प्रकार के प्रकोप में आने की पुष्टि हुई है.’ इस बीच उत्तर कोरिया ने इस नए प्रकार के विषाणु से खुद को बचाने के लिए विदेशी पर्यटकों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय किया है.
चीन स्थित यंग पायनियर टूर्स ने बताया कि उत्तर कोरिया कोरोनावायरस से बचने के लिए बुधवार को सभी विदेशी पर्यटकों पर अपने देश में आने पर प्रतिबंध लगा रहा है. उसने कहा कि इस संबंध में विस्तृत जानकारी अभी नहीं दी गई है.
इस बीमारी को लेकर डब्ल्यूएचओ ने बुधवार को आपातकालीन बैठक बुलाई है, जिसमें इसे अंतरराष्ट्रीय जन स्वास्थ्य आपदा घोषित करने पर विचार होगा- जैसा उसने स्वाइन फ्लू और इबोला के समय किया था.
अगर ऐसी घोषणा की जाती है तो इसे लेकर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया में समन्वय का तत्काल आह्वान किया जाएगा, क्योंकि 24 जनवरी से शुरू हो रहे चीनी नव वर्ष की छुट्टियों के दौरान लाखों चीनी स्वदेश या अपने देश से दूसरे देश की यात्रा करेंगे. इन लोगों की यात्रा से बीमारी के प्रसार का जोखिम कई गुना बढ़ जाएगा.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)