लखनऊ : वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में कोई ड्रेस कोड लागू नहीं किया जाएगा. इस बात की पुष्टी खुद वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने की है. दरअसल, सोशल मीडिया समेत स्थानीय अखबारों में ड्रेस कोड को लेकर खबरें आईं थी, जिसके बाद सोमवार शाम कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बयान जारी कर इसका खंडन किया. उन्होंने कहा कि ड्रेस कोड को लेकर सुझाव जरूर आए थे. लेकिन, इसे अभी लागू नहीं किया जा रहा है. वहीं, योगी सरकार में पर्यटन एवं धर्मार्थ कार्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नीलकंठ तिवारी ने भी ट्वीट कर इसकी पुष्टी की.
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर मे अभी कोई ड्रेस कोड नहीं लागू है और न लागू करने की योजना है! विद्वानों ने सुझाव दिया है ड्रेस कोड का कोई निर्णय नहीं लिया गया है! @News18UP @indiatvnews @SudarshanNewsTV @UPGovt @CMOfficeUP @myogioffice
— Dr. Neelkanth Tiwari (@NeelkanthAd) January 13, 2020
ड्रेस कोड को लेकर तेज थी चर्चा
स्थानीय अखबारों व सोशल मीडिया पर चर्चा थी कि 15 जनवरी से स्पर्श दर्शन (पास से) करने के लिए मंदिर परिषद की ओर से ड्रेस कोड लागू किया जा रहा है. इसके मुताबिक पुरुषों को धोती-कुर्ता और महिलाओं को साड़ी पहनना होगा. तभी वे शिवलिंग के पास से दर्शन करने जा सकेंगे. इस व्यवस्था के अनुसार जींस, पैंट, टी-शर्ट और सूट पहने लोग दर्शन तो कर सकेंगे. लेकिन, उन्हें स्पर्श दर्शन करने की अनुमति नहीं होगी. इसके लिए अलग ड्रेस कोड लागू होगा.
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काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के सीईओ विशाल सिंह ने दिप्रिंट को बताया कि ऐसे सुझाव जरूर आए हैं. लेकिन अभी ड्रेस कोड लागू नहीं किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि बीते रविवार को यूपी के पर्यटन एवं धर्मार्थ कार्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नीलकंठ तिवारी की अध्यक्षता में काशी विश्वनाथ मंदिर के पूजन दर्शन की व्यवस्था सहित कई अन्य मुद्दों पर मंदिर प्रशासन और काशी विद्वत परिषद के सदस्यों की बैठक हुई. जिसमें मंगला आरती, शिवलिंग के स्पर्श दर्शन समेत तमाम मुद्दों पर लोगों ने अपने विचार रखे. इस दौरान ड्रेस कोड लागू करने का भी सुझाव दिया गया. ऐसी व्यवस्था उज्जैन के महाकाल समेत दक्षिण भारत के तमाम मंदिरों में लागू है. इसी कारण इसे काशी विश्वनाथ में भी लागू करने की चर्चा हुई.
वहीं, स्थानीय अखबारों व सोशल मीडिया पर चर्चा थी कि ड्रेस कोड की व्यवस्था मकर संक्रांति के बाद लागू होगी यानि 15 जनवरी से लागू होगी. मंगला आरती (सुबह ) से लेकर दोपहर की आरती तक रोजाना ही ये व्यवस्था लागू रहेगी. इन खबरों में मंदिर ट्रस्ट के सीईओ विशाल सिंह का ही बयान शामिल था. इनमें इस बात का जिक्र था कि पैंट, शर्ट, जींस, टीशर्च सूट, कोट, जैकेट जैसे परिधानों में जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए मंदिर में सिर्फ दर्शन की व्यवस्था होगी, उन्हें गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी.
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हालांकि, अब विशाल का कहना है कि अभी केवल डिस्कशन हुआ. लेकिन ड्रेस कोड लागू नहीं किया जा रहा है.
आनन-फानन में जारी करना पड़ा बयान
सोशल मीडिया पर ड्रेस कोड को लेकर दोपहर में चर्चा तेज हुई तो शाम को मंदिर प्रशासन ने यू-टर्न ले लिया. दिप्रिंट को मिली जानकारी के मुताबिक इस खबर को लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर की ओर से अखबारों को प्रेस रिलीज भेजी गई थी. वहीं, मंदिर से जुड़े पदाधिकारियों ने स्थानीय मीडिया को बाइट भी दी थी. लेकिन सूत्रों की मानें तो सीएम योगी को बिना जानकारी दिए ये फैसला लिया गया. जिस कारण शाम को मंदिर प्रशासन को यू टर्न लेना पड़ा. शाम को योगी सरकार के मंत्री, बनारस के कमिश्नर और मंदिर प्रशासन के पदाधिकारियों ने आनन-फानन में बयान जारी किए.