नयी दिल्ली, 26 अगस्त (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में पांच नए जिले बनाने की घोषणा की।
स्थानीय लोगों ने कुल जिलों की संख्या सात करने के कदम का स्वागत किया और कहा कि नये जिले बनने से उनकी लंबे समय से लंबित मांग पूरी हुई है।
हालांकि, कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के साथ मिलकर राज्य का दर्जा देने और संविधान की छठी अनुसूची के विस्तार सहित अपनी चार प्रमुख मांगों के लिए लड़ रहे लेह के शीर्ष निकाय ने कहा कि वे अपना शांतिपूर्ण संघर्ष जारी रखेंगे।
शाह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि एक विकसित और समृद्ध लद्दाख बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पांच नए जिले बनाने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘ये नए जिले जांस्कर, द्रास, शाम, नुबरा और चांगथांग होंगे जो लद्दाख के हर हिस्से में शासन को मजबूत करके लोगों के लिए फायदों को उनके दरवाजे तक पहुंचाएंगे।’’
शाह ने कहा कि मोदी सरकार लद्दाख की जनता के वास्ते अपार अवसर सृजित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि नये जिलों के निर्माण से सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाएं लोगों तक आसानी से पहुंचेंगी और अधिक से अधिक लोग इनसे लाभान्वित हो सकेंगे।
वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लद्दाख में पांच नए जिलों के गठन की सराहना करते हुए इसे बेहतर शासन और समृद्धि की दिशा में एक कदम बताया।
उन्होंने कहा कि जांस्कर, द्रास, शाम, नुबरा और चांगथांग पर अब अधिक ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिससे सेवाओं और अवसरों को लोगों के और करीब लाया जा सकेगा।
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘लद्दाख में पांच नए जिलों का निर्माण बेहतर शासन और समृद्धि की दिशा में एक कदम है।’’
इन पांच जिलों के गठन के बाद अब लद्दाख में लेह और करगिल को मिलाकर कुल सात जिले हो जायेंगे।
गृह मंत्रालय के मुताबिक, अत्यंत कठिन और दुर्गम होने के कारण वर्तमान में जिला प्रशासन को जमीनी स्तर तक पहुंचने में कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था।
मंत्रालय के मुताबिक, इन जिलों के गठन के बाद अब केंद्र सरकार और लद्दाख प्रशासन की सभी जनहित योजनाएं लोगों तक आसानी से पहुंच सकेंगी और अधिक से अधिक लोग उनका लाभ उठा सकेंगे।
मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, पांच नए जिलों के गठन की ‘‘सैद्धांतिक स्वीकृति’’ देने के साथ ही गृह मंत्रालय ने लद्दाख प्रशासन को नए जिलों के गठन से संबंधित विभिन्न पहलुओं जैसे मुख्यालय, सीमाएं, संरचना और पदों के सृजन आदि के आंकलन के लिए एक समिति बनाने और उसे तीन महीने के अंदर रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर को पांच अगस्त, 2019 को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किया गया था। एक केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख और दूसरा जम्मू कश्मीर है।
केंद्रशासित प्रदेश होने के नाते लद्दाख केंद्रीय गृह मंत्रालय के सीधे प्रशासनिक नियंत्रण में आता है।
पूर्व भाजपा सांसद जामयांग सेरिंग नांग्याल ने केंद्र की घोषणा को लद्दाख के लोगों के लिए ‘जन्माष्टमी का उपहार’ करार दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘2018 में भाजपा ने लद्दाख को एक अलग मंडल दिया और अगले साल केंद्र शासित प्रदेश की मांग को भी पूरा किया और बजट को बढ़ाकर 6,000 करोड़ रुपये कर दिया। हम इस फैसले (नये जिले गठित करने) का स्वागत करते हैं जो लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप है।’’
जलवायु कार्यकर्ता एवं लेह शीर्ष निकाय के सदस्य सोनम वांगचुक ने कहा, ‘‘मैं लद्दाख के लोगों की ओर से गृह मंत्री और मोदी सरकार को पांच नए जिलों की घोषणा करने के लिए धन्यवाद देता हूं। यह लोगों, विशेष रूप से जांस्कर क्षेत्र की लंबे समय से लंबित मांग थी।’’
वांगचुक ने भाजपा को क्षेत्र में संविधान की छठी अनुसूची लागू करने के उसके वादे की याद दिलाई और कहा कि सरकार को जनता की प्राथमिक मांगों को पूरा करना चाहिए अन्यथा स्थानीय लोगों का संघर्ष जारी रहेगा।
कांग्रेस के लद्दाख अध्यक्ष नवांग रिग्जिन जोरा ने भी केंद्र के फैसले का स्वागत किया, लेकिन कहा कि सिर्फ प्रशासनिक जिले बनाने से लद्दाख के लोगों का पर्यावरण, संस्कृति और पहचान नहीं बचेगी, जिसके लिए वे पिछले चार साल से सड़कों पर हैं।
भाषा
शफीक संतोष
संतोष
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