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शनिवार, 10 मई, 2025
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राजस्थान के कई सीमावर्ती जिलों में सुबह ‘रेड अलर्ट’ रहा

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जयपुर, 10 मई (भाषा) राजस्थान के सीमावर्ती जिलों श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ व चुरू में शनिवार सुबह प्रशासन ने ‘रेड अलर्ट’ घोषित किया और लोगों से अपील की कि वे घबराए नहीं और घरों में रहें। हालांकि, बाद में लगभग दस बजे प्रशासन ने ‘ग्रीन अलर्ट’ की घोषणा की।

हनुमानगढ़ जिला प्रशासन ने सुबह लगभग साढ़े आठ बजे ‘रेड अलर्ट’ की सूचना देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, ‘‘रेड अलर्ट..घरों में रहें, बाहर ना घूमें…जो जहां है, वो वहीं रहे।’’

इसी तरह श्रीगंगानगर व चुरू जिला प्रशासन ने भी ‘हवाई हमले का रेड अलर्ट’ घोषित करते हुए लोगों से सचेत रहने की अपील की जिसमें लोगों से कहा गया कि सभी अपने घरों के अंदर सुरक्षित रहें, जिला प्रशासन/ जिला पुलिस के निर्देशों की पालना कर पूर्ण सहयोग करें, घर/दफ्तर में ही रहें, बाहर न निकलें और घबराए नहीं।

चुरू के जिलाधिकारी अभिषेक सुराणा ने लोगों से अपील की कि वे आपातकालीन परिस्थितियों के मद्देनजर समुचित सावधानियां और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों की पालना करें।

उन्होंने लोगों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की।

श्रीगंगानगर जिला प्रशासन ने लगभग दस बजे हालात सामान्य होने की सूचना दी। सोशल मीडिया पर लिखा, ‘‘ग्रीन अलर्ट… अब ग्रीन अलर्ट है। सब ठीक है। आवश्यक होने पर ही घर से निकलें और जिला प्रशासन की ओर से जारी दिशा-निर्देशों की पालना करें।’’

वहीं, पश्चिमी राजस्थान के अधिकांश इलाकों में शुक्रवार रात ‘ब्लैकआउट’ रहा। यहां खासकर बाड़मेर में लोगों को सचेत करने के लिए कई बार सायरन बजाए गए।

शुक्रवार रात पोकरण, जैसलमेर व बाड़मेर में पाकिस्तान की ओर से ड्रोन हमले किए गए लेकिन वायु रक्षा प्रणाली ने ड्रोन को हवा में ही मार गिराया गया। इस सैन्य कार्रवाई की आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई हालांकि शनिवार सुबह बाड़मेर और जैसलमेर में विभिन्न स्थानों पर संदिग्ध वस्तुएं या ड्रोन का मलबा जैसी वस्तुएं मिलीं।

पुलिस ने कहा, ‘‘शनिवार सुबह बायतु और बालोतरा में संदिग्ध वस्तुएं मिलीं। जैसलमेर के बडोडा गांव में एक और वस्तु मिली।’’

शुक्रवार रात जोधपुर के साथ-साथ बाड़मेर, श्रीगंगानगर, फलोदी सहित अनेक जिले अलर्ट पर रहे और वहां ‘ब्लैकआउट’ रहा।

इस बीच, सीमावर्ती इलाकों में लोग प्रशासन का सहयोग कर रहे हैं और उनका हौसला बढ़ा रहे हैं।

जैसलमेर निवासी डॉ. जालम सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हम दो रात से सोए नहीं हैं। बृहस्पतिवार रात को जहां दहशत का माहौल था, वहीं जिस तरह से हमारे सुरक्षा बलों ने दुश्मन देश के हमलों को विफल करते हुए ड्रोन को मार गिराया। इससे हमारा भरोसा बढ़ा है कि पाकिस्तान की ओर से होने वाले हमले हमें नुकसान नहीं पहुंचाएंगे।’’

उनके परिवार के साथ-साथ इलाके के कई अन्य लोगों ने ‘ब्लैक आउट’ दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन किया और सुनिश्चित किया कि किसी भी घर से एक भी लाइट न जले। उनकी पत्नी बबीता ने कहा, ‘‘इन दिशा-निर्देशों का पालन करना हमारा कर्तव्य है; यह हमारी सुरक्षा के लिए है।’’

एक अन्य निवासी उमेश आचार्य ने कहा कि मौजूदा हालात की तुलना कोरोना महामारी के दौरान लगे ‘‘लॉकडाउन’’ से की जा रही है, जब लोग अपने घरों तक ही सीमित थे।

उन्होंने कहा, ‘‘हम शाम पांच बजे से छह बजे तक घर लौट आते हैं और अंदर ही रहते हैं। हमारे सुरक्षा बल सतर्क हैं और पाकिस्तान को सबक सिखाने में सक्षम हैं।’’

सेवानिवृत्त वन रेंजर जैठमल सिंह ने कहा कि 1971 के युद्ध के दौरान जैसा डर था वैसा भय इस बार नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘इन हमलों के खिलाफ वायु रक्षा प्रणाली की त्वरित और प्रभावी कार्रवाई के कारण हमारे अंदर यह आत्मविश्वास जगा है। जिला प्रशासन ने लोगों को पहले से सचेत करने में बहुत बढ़िया काम किया है।’’

उन्होंने याद किया कि 1971 के युद्ध के दौरान, मुख्य रूप से रेडियो के माध्यम से सूचना बहुत कम थी।

जैठमल सिंह ने कहा, ‘‘उस समय अफवाह और व्यापक भय फैला हुआ था। स्थिति बहुत अनिश्चित थी और लोग बहुत चिंतित थे। आज, हमारी सेना अत्यधिक सक्षम है और हमारे पास टेलीविजन और मोबाइल फोन के माध्यम से वास्तविक समय की जानकारी तक पहुंच है। हम दो दिन से टीवी देख रहे हैं और मोबाइल फोन पर अपडेट ले रहे हैं।’’

रक्षा अधिकारियों के अनुसार, शुक्रवार रात को उत्तर में जम्मू-कश्मीर के बारामूला से लेकर दक्षिण में गुजरात के भुज तक अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर 26 स्थानों पर ड्रोन देखे गए।

अधिकारियों ने कहा, ‘‘इनमें हथियारों से लैस संदिग्ध ड्रोन भी शामिल थे जो सैन्य और असैन्य प्रतिष्ठिनों को नुकसान पहुंचा सकते थे।’’

जिन स्थानों पर ड्रोन देखे गए उनमें जम्मू कश्मीर में बारामूला, श्रीनगर, अवंतीपोरा, नगरोटा और जम्मू, पंजाब में फिरोजपुर, पठानकोट और फाजिल्का, राजस्थान में जैसलमेर, लालगढ़ जटाना एवं बाड़मेर और गुजरात में भुज, कुआरबेट और लाखी नाला शामिल हैं।

भाषा पृथ्वी खारी

खारी

खारी

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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