बेंगलुरु, छह जून (भाषा) कर्नाटक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता आर.अशोक ने शुक्रवार को राज्य की सिद्धरमैया नीत कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि शहर के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर बुधवार को मची भगदड़ और 11 लोगों की मौत के मामले में पुलिस अधिकारियों को ‘बलि का बकरा’ बनाया जा रहा है जबकि राज्य सरकार ‘गुनहगार’ है।
अशोक ने कहा कि भाजपा तब तक लड़ेगी जब तक मामले को न्यायिक जांच के लिए नहीं सौंपा जाता और दोषियों को सजा नहीं मिल जाती।
भाजपा नेता ने यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुख्यमंत्री ने राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर अंधेरे में रखा है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, ‘‘यह महान समाजवादी, आनंदप्रिय सिद्धरमैया की वजह से है।’’
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि चार जून को विधान सौध (राज्य विधानसभा परिसर) में सम्मान समारोह के दौरान मंच पर कांग्रेस नेताओं के हाथ में आईपीएल ट्रॉफी थी और वर्षों से मेहनत करने वाले खिलाड़ियों को दरकिनार कर दिया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस के कुछ नेता बता रहे हैं कि इस कार्यक्रम को आयोजित करने का फैसला जल्दबाजी में लिया गया। कांग्रेस ने अपनी रैलियों के लिए बेंगलुरू में व्यापक तैयारी की थी, यहां तक कि बाढ़ के दौरान भी। हालांकि, युवाओं से जुड़े एक खेल आयोजन के लिए कोई तैयारी नहीं की गई। अगर कांग्रेस की रैलियों में की गई मेहनत का एक प्रतिशत भी यहां किया गया होता, तो युवाओं की जान बचाई जा सकती थी।’’
भाजपा नेता ने दावा किया कि कर्नाटक के इतिहास में पहली बार किसी पुलिस आयुक्त को निलंबित किया गया है जबकि जनता सोशल मीडिया पर कह रही है कि वह पुलिस के साथ खड़ी है।
उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस ने घायल युवकों को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन वहां कोई कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद नहीं था। फिर भी, पुलिस (कर्मियों) को निलंबित कर दिया गया है। हम न्याय मिलने तक अपनी राजनीतिक लड़ाई जारी रखेंगे और किसी को बलि का बकरा बनाने के खिलाफ हैं।’’
अशोक ने इंगित किया कि पुलिस आयुक्त ने कार्यक्रम की अनुमति देने से इनकार कर दिया था और प्राथमिकी में कहा गया है कि रॉयल चैलंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के फ्रेंचाइजी ने शाम (चार जून) को कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला किया।
उन्होंने सवाल किया, ‘‘इसका मतलब है कि यह एक अनधिकृत कार्यक्रम था। अगर धारा 144 लगाई गई होती, तो कोई भी इसमें शामिल नहीं होता। चूंकि यह अनधिकृत था, इसलिए धारा 144 लगाकर कार्यक्रम को रद्द कर देना चाहिए था। सरकार ने शर्मिंदगी से बचने के लिए पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की। सरकार दोषी है और दोषी सरकार के भीतर हैं। किसने फ्रेंचाइजी को कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया? क्रिकेटरों को कौन लाया?’’
उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस द्वारा अनुमति देने से इनकार करने के बावजूद, कांग्रेस सरकार ने कानून अपने हाथ में ले लिया और कार्यक्रम आयोजित किया। हर कोई फोटो शूट में व्यस्त था और किसी को भी लोगों की परवाह नहीं थी।’’
अशोक ने कहा, ‘‘चूंकि सरकार खुद दोषी है, इसलिए एक न्यायाधीश को जांच करनी चाहिए। हमें यह जानना होगा कि किसने अनुमति के लिए दबाव डाला और किसने कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया। तब तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी।’’
भाषा धीरज पवनेश
पवनेश
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