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शुक्रवार, 6 जून, 2025
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भारत माता के चित्र का कोई आधिकारिक प्रारूप नहीं, कार्यक्रमों में इसकी अनुमति नहीं दे सकते:केरल सरकार

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तिरुवनंतपुरम, छह जून (भाषा) केरल की वाम मोर्चा सरकार ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि यहां राजभवन में पर्यावरण दिवस समारोह में भारत माता के चित्र का इस्तेमाल करने को लेकर कोई सहमति नहीं जताई गई थी क्योंकि उनका कोई भी चित्र संविधान या भारत सरकार द्वारा आधिकारिक प्रारुप के तौर पर अधिकृत नहीं है।

राजभवन में एक दिन पहले, पर्यावरण दिवस के मौके पर चित्र का उपयोग किये जाने को लेकर, आयोजित कार्यक्रम का बहिष्कार करने वाले केरल के कृषि मंत्री पी. प्रसाद ने कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोग सरकारी कार्यक्रमों को राजनीतिक आयोजनों में नहीं बदल सकते।

इसी तरह राज्य के सामान्य शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने भी कहा कि राजभवन और राज्यपाल राजनीति से ऊपर हैं और राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को अपने रुख से पीछे हट जाना चाहिए।

सरकार का यह रुख राज्यपाल आर्लेकर के उस बयान के एक दिन बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत माता पर किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा।

राज्यपाल के रुख के विरोध में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने घोषणा की कि सात जून को उसकी सभी इकाइयां राष्ट्रीय ध्वज, जो भारत माता का प्रतीक है, फहराएंगी।

इस अभियान की घोषणा भाकपा के राज्य सचिव बिनॉय विश्वम द्वारा जारी एक बयान में की गई।

उन्होंने पार्टी इकाइयों को निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता के संवैधानिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध सभी लोगों को अभियान में शामिल किया जाए।

इससे पहले दिन में, प्रसाद ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए कहा था कि भारत माता के ऐसे किसी चित्र की जानकारी नहीं है जिसे आजादी के बाद, संविधान या सरकार द्वारा उनका आधिकारिक प्रारूप बताया गया हो।

उन्होंने कहा था कि कार्यक्रम में जिस चित्र का इस्तेमाल किया जाना था, उस पर भारतीय ध्वज नहीं, बल्कि एक राजनीतिक संगठन का ध्वज था, इसलिए सरकारी कार्यक्रम के दौरान उसका सम्मान नहीं किया जा सकता।

मंत्री ने कहा कि विशेष राजनीतिक संगठन और राज्यपाल निजी कार्यक्रमों में चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन राज्य सरकार के कार्यक्रमों में ऐसा नहीं किया जा सकता।

उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी का अपना राजनीतिक दृष्टिकोण होता है, लेकिन संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के लिए इसे व्यक्त करने के तरीके सीमित होते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वास्तव में हमारे देश में ऐसा नहीं दोहराया जाना चाहिए। हम केरल में इसे स्वीकार नहीं कर सकते।’’

उन्होंने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर राजभवन ने सूचीबद्ध तरीके से कार्यक्रम जारी किया था, लेकिन इसमें भारत माता की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बारे में कुछ भी नहीं था। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम की पूर्व संध्या पर हमें भारत माता की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित करने का कार्यक्रम जोड़ते हुए ब्यौरा भेजा गया।

यह बताए जाने पर कि विपक्ष इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दिए जाने की आलोचना कर रहा है, प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) विशेष रूप से नीलांबुर विधानसभा सीट पर आगामी उपचुनाव के मद्देनजर इससे राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रहा है।

राजभवन का रुख जानने के बाद, राज्य सरकार ने कार्यक्रम को सचिवालय के दरबार हॉल में स्थानांतरित कर दिया था।

बाद में, राजभवन की ओर से जारी एक बयान में राज्यपाल ने कहा था, ‘‘चाहे किसी भी तरफ से कितना भी दबाव क्यों न हो, भारत माता के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा।’’

राजभवन के कार्यक्रम में अपने भाषण में राज्यपाल ने कहा कि दो मंत्रियों – राज्य के शिक्षा मंत्री और कृषि मंत्री – ने समारोह में शामिल होने पर सहमति जताई थी, लेकिन वे कार्यक्रम में नहीं आए।

भाषा

देवेंद्र सुभाष

सुभाष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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