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Thursday, 19 December, 2024
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संतोष गंगवार बोले- नौकरी की कमी नहीं, पर उत्तर भारत वालों के पास नहीं है योग्यता

वित्त मंत्री सीतारमण के ओला-उबर और रेल मंत्री गोयल के आइंस्टाइन वाले बयान के बाद केंद्रीय मंत्री गंगवार का कहना है कि नौकरियां तो हैं लेकिन योग्य उम्मीदवार नहीं हैं.

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नई दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार के एक और मंत्री ने एक अनोखा बयान दिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के ओला-उबर और रेल मंत्री पीयूष गोयल के आइंस्टाइन वाले बयान के बाद केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार का कहना है कि नौकरियां तो हैं लेकिन उनके लिए योग्य उम्मीदवार नहीं हैं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने गंगवार के इस बयान की आलोचना की है.

केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गंगवार ने कहा, ‘देश में रोज़गार की कमी नहीं है.’ केंद्रीय मंत्री की मानें तो उत्तर प्रदेश में जो नौकरी देने आते हैं उनके मुताबिक जिस पद पर वो लोगों भर्ती करने आते हैं उन्हें उस पद के लायक योग्य उम्मीदवार नहीं मिलते. यही नहीं, उन्होंने पूरे उत्तर भारत के लोगों की योग्यता पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि नौकरी की कमी नहीं है, बल्कि उन नौकरियों के लायक लोग ही नहीं हैं.

गंगवार के ऐसे बयान की आलोचना करते हुए प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, ‘पांच साल से आपकी सरकार है. आप नौकरियां पैदा नहीं कर पाए. जो नौकरियां थीं वो सरकार द्वारा लाई आर्थिक मंदी के चलते छिन रही हैं. नौजवान रास्ता देख रहे हैं कि सरकार कुछ अच्छा करे, जो नहीं किया गया. आप उत्तर भारतीयों का अपमान करके बच कर नहीं जा सकते. ये नहीं चलेगा.’

गंगवार ने यह बयान रविवार को मीडिया से बातचीत के दौरान दिया. उन्होंने कहा कि मंत्रालय नौकरियों की स्थिति की निगरानी कर रहा है. उन्होंने कहा कि विदेशी कंपनियां, जो देश में लोगों की भर्ती के लिए आ रही हैं, उनका कहना है कि वे जिन पदों का प्रस्ताव दे रही हैं, उन पदों के लिए योग्य लोग नहीं हैं.

ये पहला मौका नहीं है जब हालिया समय में मोदी सरकार के किसी मंत्री के बयान की वजह से विपक्ष उन्हें घेर रहा है. इसके पहले वित्त मंत्री सीतारमण ने जब कहा कि ओल-उबर की वजह से ऑटो सेक्टर को मंदी का सामना करना पड़ रहा था है तो उन्हें राजनीति से सोशल मीडिया तक जमकर घेरा गया. इसी बीच रेल मंत्री गोयल ने कह दिया कि गणित की वजह से आइंस्टाइन को गुरुत्वाकर्षण की खोज में मदद नहीं मिली. उनके बयान के बाद भी सार्वजनिक प्रक्रिया वैसी ही थी.

आर्थिक मंदी और महंगाई पर चौतरफा घिरी मोदी सरकार पर विपक्ष लगातार निशाना साध रहा है. लोगों में बढ़ती महंगाई और विभिन्न सेक्टरों में बढ़ती मंदी की मार को देखते वित्त मंत्री सीतारमण शनिवार को एक बार मीडिया से मुखातिब हुईं. उन्होंने कहा कि राजकोषीय घाटे में सुधार हुआ है और चालू खाता घाटा में वृद्धि भी थम गई है.

यही नहीं पिछले चार सालों से अधिक समय से मंदी की मार झेल रहे रियल एस्टेट के लिए सीतारमण ने कई कदम उठाने की बात कही. उन्होंने कहा कि सरकार कर-संबंधी सुधार उपायों, निर्यात और घर-खरीदारों को राहत देने पर विचार कर रही है. इस दौरान निर्मला सीतारमण ने कहा कि फोकस होम बायर्स, एक्‍सपोर्ट और टैक्‍स रिफॉर्म पर है. हालांकि, इन तमाम सरकारी दावों के बीच नौकरी की कमी की समस्या लगातार बनी हुई है.

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