लखनऊ : उन्नाव रेप मामले के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के कारण लगातार हो रही पार्टी की फजीहत से बचने के लिए बीजेपी ने गुरुवार को उन्हें पार्टी से निकाल दिया. एएनआई के मुताबिक सेंगर को पार्टी से निकाला गया है लेकिन बीजेपी की तरफ से इसकी अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. पिछले कई दिनों से लगातार सवाल उठ रहे थे कि आरोपी विधायक सेंगर अभी भी बीजेपी में क्यों हैं.
MLA Kuldeep Singh Sengar (Unnao rape accused) has been expelled from BJP. pic.twitter.com/GTBqkswRR1
— ANI (@ANI) August 1, 2019
एएनआई के मुताबिक इसके जवाब में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि सेंगर को एक साल पहले ही निलंबित कर दिया गया. हालांकि इसकी कोई प्रेस रिलीज जारी नहीं की गई थी जिस कारण विपक्षी दल के नेता बीजेपी पर निशाना साध रहे थे. सोशल मीडिया से लेकर विपक्ष की ओर बन रहे प्रेशर के कारण बीजेपी ने गुरुवार को आखिरकार सेंगर को निकालने का फैसला किया. इससे पहले स्वतंत्र देव सिंह को दिल्ली तलब किया गया था.
उन्नाव रेप केस : योगी सरकार में मंत्री के दामाद का भी नाम FIR में
उन्नाव केस में जिन 10 लोगों के नाम FIR में हैं इनमें ‘आरोपी नंबर-7’ अरुण सिंह भी है. सिंह बीजेपी कार्यकर्ता है और उन्नाव में एक ब्लॉक के अध्यक्ष हैं. सिंह प्रदेश सरकार के मंत्री रणंजय सिंह के दामाद हैं. 2019 लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान अरुण सिंह उन्नाव से बीजेपी सांसद साक्षी महाराज के साथ देखे गये थे. इनके अलावा सीबीआई ने इस मुकदमे में कुलदीप सेंगर के भाई मनोज सिंह सेंगर, विनोद मिश्र, हरिपाल सिंह, नवीन सिंह, कोमल सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह, रिंकू सिंह के अलावा वकील अधिवक्ता अवधेश सिंह को भी नामजद किया है.रायबरेली पुलिस ने 302,307,506 व 120बी (हत्या, जानलेवा हमला, जान से मारने की धमकी और अपराधिक साजिश) आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज किया.सीबीआई ने इसी मुकदमें को आधार बनाकर केस दर्ज किया है.
पीड़िता के सुरक्षाकर्मी भी निलंबित
पीड़िता की सुरक्षा के लिए लगाए गए तीन सुरक्षाकर्मियों को लापरवाही के कारण यूपी सरकार ने निलंबित कर दिया है. उन्नाव रेप कांड की पीड़िता के दुर्घटना मामले में सीबीआई ने भाजपा के निलंबित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर समेत 10 लोगों के खिलाफ बुधवार की सुबह हत्या, साजिश और धमकी देने की एफआईआर दर्ज कर ली है.
अब तक पांच केस दर्ज
सीबीआई इस मामले में अब तक कुल पांच केस दर्ज कर चुकी है. सामूहिक दुष्कर्म, पॉक्सो एक्ट से लेकर पीड़िता के पिता को पीटने और झूठे मुकदमें में जेल भेजने वाले मामलों में मुकदमें दर्ज हैं. अब रायबरेली में दुर्घटना मामले में भी केस दर्ज कर लिया है. सीबीआई पहले के तीन मुकदमों में आरोप पत्र भी दाखिल कर चुकी है.