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मंगलवार, 6 मई, 2025
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40-50 लघु मॉड्यूलर परमाणु रिएक्टर स्थापित करने की योजना है: टाटा से जुड़े अधिकारी अमित शर्मा

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नयी दिल्ली, 25 अगस्त (भाषा) भारत का लक्ष्य ज्यादातर ‘कैप्टिव’ ताप विद्युत संयंत्रों का स्थान लेने के लिए 40-50 छोटे ‘मॉड्यूलर’ परमाणु रिएक्टर स्थापित करना है, ताकि वर्ष 2070 तक शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।

इस क्षेत्र से जुड़े एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि 220-मेगावाट दाबीकृत भारी जल रिएक्टर (पीएचडब्ल्यूआर) को उच्च स्तर के मानकीकरण को प्राप्त करने के उद्देश्य से 3डी डिजाइन मंचों का उपयोग करके फिर से तैयार किया जा रहा है, जो स्टील, एल्यूमीनियम, तांबे और सीमेंट उद्योगों द्वारा उपयोग किए जाने वाले पुराने ताप विद्युत संयंत्रों में भी आसानी से स्थापित हो सकेंगे।

परमाणु ऊर्जा विभाग और टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स ने ‘भारत लघु मॉड्यूलर रिएक्टर’ विकसित करने के लिए पीएचडब्ल्यूआर का डिजाइन फिर से तैयार किया है।

टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स के प्रबंध निदेशक तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमित शर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम पीएचडब्ल्यूआर के पुराने डिजाइन का इस्तेमाल कर उसे फुकुशिमा हादसे के बाद के मानकों के अनुसार अद्यतन और सुरक्षित बनाने के लिए फिर से तैयार करेंगे।’’

शर्मा ने कहा कि लघु मॉड्यूलर रिएक्टर (एसएमआर) के मामले में हमारी योजना सात से आठ वर्ष से भी कम समय में 40-50 संयंत्र बनाने की है लेकिन इसके लिए उच्च स्तर का मानकीकरण, सुरक्षा तथा मॉड्यूलता की आवश्यकता है।

पिछले महीने केंद्रीय बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी कि सरकार भारत लघु संयंत्र स्थापित करने और एसएमआर के अनुसंधान व विकास में निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी करेगी।

उन्होंने यह भी कहा था कि सरकार परमाणु ऊर्जा के लिए नयी प्रौद्योगिकियां विकसित करने तथा अनुसंधान के लिए निजी क्षेत्र के साथ भी भागीदारी करेगी।

शर्मा ने कहा कि इंजीनियर 3डी डिजाइन मंच का उपयोग करके पीएचडब्ल्यूआर को फिर से डिजाइन करेंगे जो 40 साल पहले तब उपलब्ध नहीं थे जब ये रिएक्टर पहली बार तैयार किए गए थे।

शर्मा ने कहा, ‘‘सच कहूं तो शून्य कार्बन उत्सर्जन के लिए इकलौता दीर्घकालीन समाधान परमाणु ऊर्जा है। मुझे लगता है कि परमाणु ही सही विकल्प है, वैश्विक स्तर पर हर कोई इसे जानता है।’’

भाषा गोला संतोष

संतोष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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