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बुधवार, 14 मई, 2025
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‘ऑपरेशन सिंदूर’ में एयर मार्शल भारती की भूमिका को लेकर बिहार के झुन्नी कलां गांव में जश्न का माहौल

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पूर्णिया (बिहार), 14 मई (भाषा) पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी शिविरों को निशाना बनाने के लिए शुरू किये गये ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती की भूमिका को लेकर बिहार के पूर्णिया जिला स्थित झुन्नी कलां गांव के लोग गर्व महसूस करते हैं।

वायु संचालन महानिदेशक (डीजीएओ) एयर मार्शल भारती का पैतृक गांव झुन्नी कलां गौरव का केन्द्र बन गया है, क्योंकि इस सम्मानित अधिकारी ने भारतीय वायुसेना के सबसे साहसी आतंकवाद-रोधी अभियानों में से एक को अंजाम देने में मदद की।

भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा सात मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाकर शुरू किया गया था।

पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी।

स्थानीय लोगों ने एयर मार्शल भारती की भूमिका को न केवल झुन्नी कलां बल्कि पूरे पूर्णिया जिले के लिए बहुत गौरव का क्षण बताया।

भारती के पिता एवं राज्य सिंचाई विभाग के सेवानिवृत्त कर्मचारी जीवछलाल यादव ने कहा, ‘‘यह मेरे लिए, गांव वालों के लिए और पूरे देश के लिए बहुत गर्व की बात है कि हमारे सशस्त्र बलों ने पाकिस्तानी सेना और आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब दिया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमारी सेना ने अदम्य साहस का परिचय दिया और मेरे बेटे ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गांव वाले बहुत खुश हैं और हमारा सीना गर्व से चौड़ा हो रहा है। वह बचपन से ही अनुशासित इंसान रहा है।’’

यादव ने कहा कि उनके बेटे ने हाल में हुई बातचीत में अभियान के बारे में कुछ नहीं बताया था।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उनकी भूमिका के बारे में श्रीनगर हाटा, पूर्णिया शहर के पड़ोसियों और ग्रामीणों से पता चला। लोग हमें बधाई देने के लिए फोन कर रहे हैं और आ रहे हैं।’’

भारती की मां उर्मिला देवी ने कहा, ‘‘मुझे अपने बेटे के बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहना है। पूरा देश जानता है कि उन्होंने देश के लिए क्या किया है। सशस्त्र बलों में शामिल होना उनका सपना था। यह हमारे लिए, पूर्णिया के लोगों के लिए और देशवासियों के लिए गर्व का क्षण है।’’

भारती के छोटे भाई मिथिलेश कुमार ने कहा, ‘‘भैया ने देश के लिए बहुत बड़ा काम किया है। पूरे गांव से लोग उन्हें बधाई देने आ रहे हैं। गांव में लोग अपने खास अंदाज में जश्न मना रहे हैं- वह इस धरती के बेटे हैं। पिछली बार जब वह लगभग एक साल पहले आए थे, तो उन्होंने हमेशा की तरह सभी से गर्मजोशी से मुलाकात की थी।’’

भारती ने अपनी प्राथमिक शिक्षा पूर्णिया के एक सरकारी स्कूल और फिर झारखंड के तिलैया सैनिक स्कूल में की थी। वह पुणे में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी गए और 1987 में भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के लड़ाकू दस्ते में शामिल हुए। उन्हें 2008 में राष्ट्रपति वायु सेना पदक से सम्मानित किया गया और 2023 में एयर मार्शल के पद पर पदोन्नत किया गया।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सात मई की रात को पीओके में नौ स्थानों पर और यहां तक ​​कि पाकिस्तानी क्षेत्र के अंदर भी सटीक हमले किये गये थे, जिसमें आतंकवादी संगठनों के कई प्रशिक्षण शिविरों को नष्ट कर दिया गया था।

भाषा

देवेंद्र सुरेश

सुरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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