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विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश), 21 जून (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि दुनिया किसी न किसी तनाव से गुजर रही है, कितने ही क्षेत्रों में अशांति और अस्थिरता बढ़ रही है और ऐसे में योग से हमें शांति की दिशा मिलती है। उन्होंने यह भी कहा कि योग हमें दुनिया को जोड़ने का संदेश देता है और यह सीमाओं, पृष्ठभूमि, उम्र या क्षमता से बंधा नहीं है।
प्रधानमंत्री मोदी ने यहां 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह दिन मानवता के लिए उस प्राचीन प्रथा की शुरुआत का प्रतीक है जहां आंतरिक शांति वैश्विक नीति बन गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से आज पूरी दुनिया किसी न किसी तनाव से गुजर रही है। कितने ही क्षेत्रों में अशांति और अस्थिरता बढ़ रही है। ऐसे में योग से हमें शांति की दिशा मिलती है। योग एक ‘पॉज बटन’ है जिसकी मानवता को आवश्यकता है , जिससे कि वे खुलकर सांस ले सकें, जीवन में संतुलन बना सकें तथा पुनः संपूर्ण बन सकें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आइए, हम सब मिलकर योग को एक जन आंदोलन बनाएं, जो विश्व को शांति, स्वास्थ्य और समरसता की ओर ले जाए। जहां हर व्यक्ति दिन की शुरुआत योग से करे और जीवन में संतुलन पाए। जहां हर समाज योग से जुड़े और तनाव से मुक्त हो। जहां योग मानवता को एक सूत्र में पिरोने का माध्यम बने।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मेरा दुनिया से अनुरोध है कि आइए, इस योग दिवस को मानवता के लिए योग 2.0 की शुरुआत का प्रतीक बनाएं जहां आंतरिक शांति वैश्विक नीति बन जाए।’’
उन्होंने कहा कि योग सभी का है, और सभी के लिए है। यह सीमाओं, पृष्ठभूमि, उम्र या क्षमता से बंधा नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम ‘‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग’’ है, जो एक गहरी सच्चाई को दर्शाता है कि धरती पर प्रत्येक इकाई का स्वास्थ्य परस्पर जुड़ा हुआ है।
उन्होंने कहा कि मानव कल्याण उस मिट्टी के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है जो भोजन उगाती है, उन नदियों पर निर्भर करता है जो पानी देती हैं और उन जानवरों के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है जो पारिस्थितिकी तंत्र को साझा करते हैं तथा उन पौधों पर निर्भर करता है जो पोषण करते हैं।
योग हमें इस परस्पर जुड़ाव के प्रति जागरूक करता है। मोदी ने कहा कि योग दुनिया को जोड़ता है और सिखाता है कि लोग अलग-थलग व्यक्ति नहीं हैं बल्कि प्रकृति का हिस्सा हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘योग एक महान व्यक्तिगत अनुशासन है। साथ ही, यह एक ऐसी प्रणाली है जो हमें ‘‘मैं’’ से ‘‘हम’’ की ओर ले जाती है। आइए, इस योग दिवस को मानवता के लिए योग की शुरुआत के रूप में चिह्नित करें, जहां आंतरिक शांति वैश्विक नीति बन गई है।’’
उन्होंने कहा कि जब भारत ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र में रखा तो कुछ ही समय में 175 देशों ने इसे स्वीकार कर लिया। 11 साल बाद योग अब दुनिया भर के करोड़ों लोगों के जीवन का हिस्सा बन गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘चाहे सिडनी ओपेरा हाउस की सीढ़ियां हों, या एवरेस्ट की चोटी हो, या फिर समंदर का विस्तार हो, हर जगह से एक ही संदेश आता है कि योग सभी का है, और सभी के लिए है।’’
मोदी ने ‘योगांध्र’ परियोजना के लिए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण और मंत्री नारा लोकेश को बधाई दी।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं विशेष रूप से नारा लोकेश गारू के प्रयासों की सराहना करना चाहता हूं।’’
अपने संबोधन में नायडू ने कहा कि मोदी ने योग को न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में लोकप्रिय बनाया और इसे वैश्विक कल्याण के आंदोलन में बदल दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि योग दिवस 175 से अधिक देशों में 12 लाख स्थानों पर 10 करोड़ से अधिक लोगों की भागीदारी के साथ मनाया जा रहा है।
नायडू ने कहा, ‘‘मैं हमारे दूरदर्शी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को न केवल भारत में, बल्कि दुनिया भर में योग को लोकप्रिय बनाने के लिए धन्यवाद देता हूं। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत की और योग को वैश्विक कल्याण आंदोलन बना दिया।’’
भाषा सुरभि मनीषा
मनीषा
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