रांची, तीन जून (भाषा) मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अलग झारखंड राज्य बनाने के आंदोलन में शामिल रहे सभी आंदोलनकारियों की पहचान के कार्य की शुक्रवार को शुरुआत की और घोषणा की कि आंदोलन में किसी भी तरह की भूमिका निभाने वालों को 3,500 रुपये से लेकर सात हजार रुपये तक की पेंशन एवं अन्य लाभ दिये जायेंगे।
इस उद्देश्य से आज यहां सचिवालय में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, ‘‘एक-एक आंदोलनकारी को पूरा मान-सम्मान और अधिकार देने का राज्य सरकार ने संकल्प लिया है। इस आंदोलन के अंतिम पंक्ति में शामिल आंदोलनकारियों को भी चिन्हित कर उनका हक दिया जाएगा।’’
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने आंदोलनकारी चिन्हितीकरण आयोग के ‘लोगो’ और ‘आवेदन प्रपत्र’ का विमोचन किया। इसके द्वारा आंदोलनकारियों की नए सिरे से पहचान कर सूचीबद्ध किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नया आवेदन प्रपत्र काफी सरल बनाया गया है, ताकि हर आंदोलनकारी आसानी से अपने दावे को आयोग के समक्ष पेश कर सके।
उन्होंने कहा कि झारखंड की धरती ने कई वीर सपूतों को जन्म दिया है, जिन्होंने देश के लिए खुद को न्यौछावर कर दिया। उन्होंने दावा किया कि अलग झारखंड राज्य के लिए हुआ आंदोलन भी देश की आजादी की लड़ाई से कम नहीं है।
सोरेन ने कहा, ”आरंभिक वर्षों में तो मात्र दो हज़ार के लगभग ही आंदोलनकारी चिन्हित किए गए थे। इस आंकड़े को देखकर मुझे लगा कि अलग राज्य के लिए इतना लंबा संघर्ष चला है तो आंदोलनकारियों की संख्या इतनी कम नहीं हो सकती।”
उन्होंने कहा, ”मैंने झारखंड आंदोलनकारियों की पहचान के लिए नया स्वरूप बनाया है ताकि सभी को सूचीबद्ध कर उन्हें सरकार से मिलने वाले लाभ से जोड़ा जा सके।”
सोरेन ने कहा कि तीन माह से कम जेल में रहने वाले आंदोलनकारियों को 3500 रुपये प्रति माह और आंदोलन के दौरान जेल में छह माह से अधिक बिताने वालों को सात हजार रुपये प्रति माह की पेंशन मिलेगी।
भाषा, इन्दु
अविनाश शफीक
शफीक
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