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बुधवार, 7 मई, 2025
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पहलगाम आतंकी हमले में पति व बेटे को खोने वाली महिला ने कहा : पाकिस्तान का पूरी तरह सफाया हो

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अहमदाबाद, सात मई (भाषा) पहलगाम आतंकी हमले में अपने पति और पुत्र को खोने वाली एक महिला ने बुधवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लिए भारतीय सशस्त्र बलों की सराहना की। गुजरात के भावनगर की काजलबेन परमार ने सरकार से अनुरोध किया कि जब तक पाकिस्तान का सफाया नहीं हो जाता, उसके खिलाफ कार्रवाई जारी रहनी चाहिए।

सूरत की रहने वाली एक अन्य महिला, जिनके पति की भी आतंकी हमले में मौत हो गई थी, ने सेना की कार्रवाई पर खुशी जताई और कहा कि उसे सरकार पर पूरा भरोसा है।

काजलबेन परमार ने भावनगर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘पाकिस्तान पर हवाई हमले को लेकर मुझे बहुत गर्व है। मैं सशस्त्र बलों को सलाम करती हूं और भारत माता की जयकार करती हूं। मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आभारी हूं और इस हमले से बहुत खुश हूं। ऐसे हमले जारी रखें और पाकिस्तान को मिटा दें, मोदी साहब से यही मेरी प्रार्थना है।’’

पहलगाम आतंकी हमले में उनके पति यतीश परमार और बेटे स्मित की भी मौत हो गयी थी। 22 अप्रैल के आतंकी हमले में गुजरात के तीन लोगों की मौत हो गयी थी।

काजलबेन परमार ने कहा, ‘‘मेरा बेटा 12वीं कक्षा में था। वह अक्सर मुझसे कहता था कि वह भारतीय सेना में शामिल होना चाहता है और देश के लिए लड़ना चाहता है। लेकिन उससे पहले, हम मोरारी बापू की राम कथा में भाग लेने के लिए कश्मीर गए और पहलगाम गए, जहां उन लोगों ने (आतंकवादियों ने) मेरे बेटे और पति को मार डाला। मैं पाकिस्तान का सफाया होते देखना चाहती हूं।’’

काजलबेन के बड़े बेटे अभिषेक परमार ने कहा कि वह पहलगाम आतंकवादी हमले के 15वें दिन पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई से बहुत खुश है। अभिषेक ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने 15वें दिन पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की। मैंने अपने पिता और भाई को खो दिया। अब मोदी ने उन्हें जवाब दे दिया है और मैं इस बात से खुश हूं।’’

दिवंगत शैलेश कलाथिया की पत्नी शीतलबेन कलाथिया ने संवाददाताओं से कहा कि वह पाकिस्तान के खिलाफ भारत की कार्रवाई से ‘‘बहुत संतुष्ट’’ हैं। उन्होंने सूरत में कहा, ‘‘मोदी सरकार ने उन लोगों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए जो कुछ भी किया है, उससे मैं बहुत खुश हूं, जिन्होंने हिंदू और मुसलमान के नाम पर मेरे पति और अन्य लोगों की जान ले ली। हमें सरकार पर पूरा भरोसा है और उसने अब तक जो कुछ भी किया है, वह उचित है।’’

उन्होंने कहा कि आतंकवादियों ने परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य को छीन लिया। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी अब तक इस बात को स्वीकार नहीं कर पाई है कि उसकी आंखों के सामने उसके पिता के साथ क्या हुआ।

उन्होंने कहा, ‘‘हम तबाह हो गए हैं। हम गुजरात सरकार से अपील करते हैं कि वह हमारे बच्चों के भविष्य और शिक्षा के लिए जो कुछ कर सकती है, करे। मैं पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई से बहुत खुश हूं।’’

भाषा अविनाश मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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