तिरुवनंतपुरम, 17 मई (भाषा) केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम की एक महिला अधिवक्ता ने बार एसोसिएशन के सदस्यों पर उसके खिलाफ निराधार कहानियां गढ़ने का आरोप लगाया है। इस महिला अधिवक्ता पर उसके वरिष्ठ सहयोगी ने कथित रूप से हमला किया था।
टेलीविजन चैनलों द्वारा जारी एक ऑडियो क्लिप में, महिला वकील श्यामली ने कथित तौर पर कहा कि अब यह स्पष्ट हो गया है कि उसके सहकर्मी इस मुद्दे पर उसका साथ नहीं देंगे।
उसे यह कहते हुए भी सुना जा सकता है कि केरल का समाज इस लड़ाई में उनके साथ खड़ा है। उसने कहा कि इस मामले में वरिष्ठ वकील की गिरफ्तारी हुई जिससे उसे पहले ही न्याय मिल चुका है।। कथित शुक्रवार शाम को जिला बार एसोसिएशन के व्हाट्सएप ग्रुप में उसने यह कथित वॉयस क्लिप पोस्ट की थी।
इसमें श्यामली को यह कहते हुए सुना जा सकता है, ‘मैं बार एसोसिएशन में सभी को दोषी नहीं ठहरा रही हूं। लेकिन, उनमें से कुछ लोग बेबुनियाद कहानियां गढ़ रहे हैं और ऐसी सूचना का प्रचार कर रहे हैं जिसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।’’
महिला ने अपने साथ हुई कथित मारपीट का हवाला देते हुये वह पूछती है कि उसकी गलती क्या है?
चेहरे पर लगी चोटों का जिक्र करते हुए क्लिप में महिला कहती है, ‘‘मेरा चेहरा ही मेरा साक्ष्य है।’’ यह चोट कथित तौर पर मारपीट के दौरान उसे लगी थीं।
ऑडियो में वह बार एसोसिएशन के सदस्यों को चेतावनी भी देती है कि वह अपने खिलाफ चल रहे दुष्प्रचार के बारे में मीडिया को बताएगी।
व्हाट्सएप ग्रुप में इस मुद्दे पर चर्चा और कुछ सदस्यों द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों के बाद श्यामली ने कथित तौर पर अपना विरोध दर्ज कराया है।
बार एसोसिएशन के पदाधिकारी टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थे।
पुलिस ने बताया कि मंगलवार को यहां वंचियूर में जिला अदालत के पास एक वरिष्ठ वकील ने अपने कार्यालय में इस महिला वकील पर कथित तौर पर बेरहमी से हमला किया।
श्यामली के चेहरे पर गंभीर चोट आयी, जिसके बाद उसने अस्पताल में उपचार कराया और बाद में वरिष्ठ अधिवक्ता बेयलिन दास के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
उसने दावा किया है कि दास ने उसे एक बार पहले भी पीटा था जब वह पांच महीने की गर्भवती थी।
आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके खिलाफ गैर-जमानती धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। केरल बार काउंसिल ने बुधवार को कहा था कि दास को फिलहाल वकालत करने से रोक दिया गया है।
भाषा रंजन नेत्रपाल माधव
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