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Tuesday, 5 November, 2024
होमदेशहरियाणा: शुगर मिटाने वाला जादुई कुएं के फेर में फंसे कई, तो कईयों को इसने कर दिया मालामाल

हरियाणा: शुगर मिटाने वाला जादुई कुएं के फेर में फंसे कई, तो कईयों को इसने कर दिया मालामाल

कुएं के पानी में बैक्टीरिया है, वहां चेतावनी लगवा दी थी. लोगों को रोकने की भी कोशिश की गई है. लेकिन अपने अंध विश्वास के चक्कर में और बीमारियों से ग्रस्त होने पर अमादा हैं.

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रेवाड़ी: पिछले महीने देश में एक तरफ नई सरकार बनी तो दूसरी ओर हरियाणा के रेवाड़ी जिले में नई खोज हुई. रेवाड़ी के गुजरीवास गांव में ऐसा कुआं मिला जिसके पानी से कथित तौर पर मधुमेह की बीमारी ठीक हो जाती है. ऐसा हम नहीं दिल्ली से वहां पहुंचे किशोर मानते हैं. अपने साथ आस-पास की महिलाओं को गाड़ी में बैठाकर लाए किशोर ने दिप्रिंट को बताया, ‘हमें सोशल मीडिया पर जैसे ही पता चला कि इस तरह का पानी मिल रहा है तो हम तुरंत आए हैं.’

किशोर के बगल में खड़े दिल्ली के ही प्रदीप कहते हैं, ‘मुझे घुटनों मे इतनी तेज दर्द होता था कि ना सो पाता था और ना ही चल पाता था. तीसरी बार यहां पानी लेने आ रहा हूं. आप खुद ही देखो जो आदमी उठ नहीं पाता था वो आज खुद गाड़ी चलाकर यहां पानी भरने आ रहा है.’

इस बात से कुएं के पास खड़े सारे लोग हां में हां मिलाते हैं और पानी के चमत्कारी होने पर उनका विश्वास और बढ़ जाता है. जिस वक्त हम यहां पहुंचे है उस वक्त तक इस कुएं की मोटर बंद करके किसान अपने गांव में जाकर कहीं गुम हो चुका है. किसान माडूराम की पत्नी अपने टूटे-फूटे घर की रसोई से छाछ की राबड़ी लाकर पिलाती हैं. वो बताती हैं, ‘अब उसको गुस्सा आने लगा है. बाहर वाले लोग मान ही नहीं रहे हैं. प्रशासन कह रहा है कि बंद करो इस कुएं को. लोग बीमार पड़ सकते हैं. हमें डर है कि हमारी बिजली का कनेक्शन ना काट लें. हमारी ज्वार की फसल बर्बाद हो रही है.’

खेतों के पास रहने वाले इस कुएं के चमत्कारी होने की दास्तान सुनाते हैं. पड़ोस में रहने वाले सतीश कहते हैं, ‘हम तो कई दिन से इसका पानी पी रहे थे. मेरी कब्ज की बीमारी ठीक हो गई थी. यहां हर रोज दस-दस हजार लोग आ रहे थे. खेतों में पार्किंग तक बनानी पड़ी. फिर जिलाधिकारी ने कुएं के पानी की जांच कराई और कहा कि पानी खराब है. ये सब जानबूझकर किया जा रहा है. डॉक्टरों ने पुलिस को पैसे खिलाए हैं, झूठ बोलने के लिए. ये पानी बहुत अच्छा है.’

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दिल्ली से आई एक महिला पानी पीते हुए| तस्वीर- ज्योति यादव

‘यहां खेत पर माल बटाई में मेव जाति के कुछ लोग रहते हैं. एक दिन मेव ने अपनी लुगाई की शुगर चेक करवाई तो पता चला कि शुगर की बीमारी खत्म हो गई है. उसने बताना शुरू किया कि इस खेत का पानी पीने से ऐसा चमत्कार हुआ है. उसके बाद चमत्कारी पानी की बात धीरे-धीरे आसपास के गांवों में फैली. फिर सोशल मीडिया पर लोगों ने लिखना शुरू किया. यूट्यूब पर वीडियो आने लगी तो दूर-दूर से लोग आने लगे. करीब एक महीने से यहां से लोग पानी ले जा रहे थे. एक दिन डीसी साहब ने पानी को खराब बताया था.’


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सतीश के बगल में खड़ा एक नौजवान बताता है. रेवाड़ी से लगभग 18 किलोमीटर दूर बने गुजरीवास गांव में ज्यादातर लोग खेती करते हैं. जब माडूराम के कुएं के जादुई होने की खबर फैली तब दूसरे खेत वालों ने भी अपने खेतों का पानी बेचना शुरू कर दिया. पड़ोसी गांव लालपुर वाले कहते हैं, कुछ ने अपने खेतों में पार्किंग ही बना ली. एक किसान ने तो एक दिन में करीब 30 हजार रुपए कमा लिए पार्किंग से.’

किसान माडूराम पर पैसे लेने के आरोप भी लगे. इन आरोपों को खारिज करते हुए उनके भाई ने बताया, ‘हमने पैसे ना लिए. सारा गांव वहां इकट्ठा हो रखा था. दूसरों ने पैसे बनाए हैं. इस बेचारे ने कोई पैसे नहीं लिए.’

क्या यह पानी पीने लायक है?

पूर्व डीसी अशोक शर्मा ने दिप्रिंट को बताया, ‘जब मुझे पता चला था कि इस तरह की अफवाह फैली हुई है. मैंने तुरंत पानी के सैंपल की जांच करवाई और एक कमेटी भी गठित की. जांच का रिजल्ट आने में थोड़ा समय लगा. जब हमें पता चला कि इसमें बैक्टीरिया और फ्लोराइड अधिक है तो हमने वहां चेतावनी लगवा दी थी. लोगों को रोकने की भी कोशिश की गई. लेकिन अपने अंध विश्वास के चक्कर में और बीमारियों से ग्रस्त होने पर अमादा हैं.’

एक खबर के मुताबिक, ‘रिपोर्ट में पाया गया था कि पानी पीने लायक तो दूर की बाद फसल के लिए भी अच्छा नहीं है. इस पानी को पीने के दस दिन बाद गंभीर बीमारियां हो सकती हैं.’

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कुएं से पानी भरने के लिए मशक्कत करते लोग| तस्वीर-ज्योति यादव

करनाल की जिस लैब से इस पानी की जांच हुई थी, वहां के डॉक्टर अमित ने दिप्रिंट को बताया, इस पानी में नमक की मात्रा ज्यादा है. इससे दिल की बीमारी भी बढ़ सकती है. हमें इसमें शुगर दूर करने का कोई एलिमेंट नहीं मिला. लोगों को इस तरह की अफवाहों से दूर रहना चाहिए.’

400 किलोमीटर की दूरी तय करके यहां पहुंचने वालों का पक्ष

इस कुएं पर राजस्थान के भरतपुर से गाड़ी बुक करके रात के 2 बजे चलने वाले रमेश बताते हैं, ‘हमें शौक नहीं है कि हम चार-पांच हजार खर्च करके 45 डिग्री की धूप में इतनी दूर आएंगे. मेरी पत्नी दस साल से बीमार है. डॉक्टरों की दवाई नहीं लग रही. ऐसे में एक बार यहां के पानी आजमा कर देख लेते हैं. वैसे भी ये प्राकृतिक चीज है, कोई झाड़-फूंक नहीं. प्रशासन ने कुएं को बंद करवा दिया है.’

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