नयी दिल्ली, नौ सितंबर (भाषा) दिल्ली के पुराने रेलवे पुल पर यमुना का जलस्तर मंगलवार सुबह छह बजे 204.96 मीटर दर्ज किया गया और उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही यह चेतावनी के निशान 204.50 मीटर से भी नीचे आ जाएगा।
जलस्तर पिछले बृहस्पतिवार को 207.48 मीटर तक पहुंच गया था, जो इस मौसम का सबसे उच्चतम स्तर था। इसके बाद से जलस्तर में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है।
जैसे-जैसे यमुना का पानी कम हो रहा है, लोग अपने घरों से कीचड़ और गाद निकालने लगे हैं।
पिछले मंगलवार को नदी खतरे के निशान को पार कर गई थी, जिसके कारण पुराने रेलवे पुल पर आवाजाही बंद कर दी गई थी।
राष्ट्रीय राजधानी के लिए चेतावनी का निशान 204.50 मीटर और खतरे का निशान 205.33 मीटर है, जबकि जलस्तर 206 मीटर तक पहुंचने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य शुरू कर दिया जाता है।
यमुना का जलस्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर से नीचे जाने के बाद, दिल्ली यातायात पुलिस ने सोमवार रात पुल को यातायात के लिए खोल दिया।
पुराना रेलवे पुल नदी के प्रवाह और संभावित बाढ़ के खतरों पर नजर रखने के लिए एक प्रमुख अवलोकन बिंदु के रूप में काम करता है।
पिछले कुछ दिनों में यमुना के किनारे के कई इलाके जलमग्न हो गए थे। निचले इलाकों से निकाले गए लोगों के लिए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और मयूर विहार क्षेत्रों में अस्थायी राहत शिविर लगाए गए हैं।
मॉनेस्ट्री बाजार, मदनपुर खादर और यमुना बाजार जैसे इलाके भी बाढ़ की चपेट में आ गए, जिससे लोगों को शिविरों में शरण लेनी पड़ी।
दिल्ली को 2023 में अभूतपूर्व बाढ़ जैसी स्थिति का सामना करना पड़ा था। उस दौरान कई इलाके जलमग्न हो गए थे और 25,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था।
यमुना का जलस्तर 13 जुलाई 2023 को रिकॉर्ड 208.66 मीटर तक पहुंच गया था, जिससे पूर्वी, उत्तर-पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी जिलों में बाढ़ की स्थिति बन गई थी। राजघाट और मॉनेस्ट्री बाजार जैसे महत्वपूर्ण स्थान भी इसकी चपेट में आ गए थे।
भाषा खारी गोला
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