scorecardresearch
बुधवार, 28 मई, 2025
होमदेशजेएनयू में 2020 में हुई हिंसा असंतोष के स्वर को कुचलने की बड़ी साजिश का हिस्सा थी: जेएनयूटीए

जेएनयू में 2020 में हुई हिंसा असंतोष के स्वर को कुचलने की बड़ी साजिश का हिस्सा थी: जेएनयूटीए

Text Size:

नयी दिल्ली, पांच जनवरी (भाषा) जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय टीचर्स एसोसिएसन (जेएनयूटीए) ने शुक्रवार को कहा कि संस्थान में 2020 में हुई हिंसा सरकारी सत्ता के नृशंस दुरूपयोग के माध्यम से असंतोष की आवाज को कुचल देने की बड़ी साजिश का हिस्सा थी।

जेएनयू में पांच जनवरी, 2020 को तब हिंसा हुई थी जब लाठी-डंडे लेकर नकाबपोश लोग घुस गये थे और उन्होंने विद्यार्थियों एवं अध्यापकों पर हमला किया तथा संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था।

इस हिंसा की चौथी बरसी पर जवाहरल नेहरू विश्वविद्यालय टीचर्स एसोसिएशन ने घायलों के प्रति तत्कालीन कुलपति के ‘क्रूर रवैये’ तथा भीड़ को प्रशासन से ‘सहयोग’ मिलने की रिपोर्ट की निंदा की।

जेएनयूटीए ने आरोप लगाया कि यह हिंसा यदि जानबूझकर नहीं करायी गयी थी, तो उसे उन विद्यार्थियों तथा अध्यापकों को ‘सबक सिखाने’ के मकसद से बढ़ावा जरूर दिया गया जो छात्रावास शुल्क में बेतहाशा वृद्धि का विरोध कर रहे थे।

उसने एक बयान में कहा कि जेएनयू के विद्यार्थियों एवं अध्यापकों पर नकाबपोश भीड़ द्वारा लाठी-डंडों से नृशंसा हमले एवं उन पर पथराव की आज चौथी बरसी है तथा इस अप्रत्याशित हमले की खबर एवं तस्वीरें सभी मीडिया ने दिखायी थी जिस देखकर देश-दुनिया स्तब्ध रह गयी थी।

उसने कहा कि चार साल बीत गये लेकिन किसी भी बदमाश पर जेएनयू प्रशासन या दिल्ली पुलिस द्वारा मामला दर्ज नहीं किया जाना एसोसिएशन के इस रुख की पुष्टि करता है कि इस हिंसा में उनकी संलिप्तता थी।

उसने कहा, ‘‘ इन तथ्यों से स्पष्ट रूप से इस निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है कि परिसर में जेएनयू सुरक्षाकर्मियों और पुलिस की मौजूदगी के बावजूद भीड़ को दंगा करने दिया गया। (प्रशासन को) इस बात की जानकारी थी कि चीजें किस दिशा में बढ़ेंगी ,फिर भी हिंसा को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया।’’

एसोसिएशन ने कहा कि मदद की कई बार कॉल किये जाने के बाद भी वे कार्रवाई नहीं कर पाये और सामने आये वीडियो रिकार्डिंग में नजर आया कि भीड़ को पुलिस ने जेएनयू के मुख्य द्वार तक ‘पहुंचा’ दिया।

उसने कहा कि जेएनयूटीए का मत है कि चार साल पहले जेएनयू में जो कुछ हुआ वह सरकारी सत्ता के नृशंस दुरूपयोग के मार्फत असंतोष की आवाज को कुचल देने की बड़ी साजिश का हिस्सा था।

भाषा

राजकुमार माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments