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शनिवार, 7 जून, 2025
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उच्चतम न्यायालय ने संपत्ति पर अधिकार संबंधी दिल्ली वक्फ बोर्ड की याचिका को खारिज किया

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नयी दिल्ली, चार जून (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली वक्फ बोर्ड की उस याचिका को बुधवार को खारिज कर दिया, जिसमें दावा किया गया था कि राजधानी के शाहदरा इलाके में एक संपत्ति ‘वक्फ संपत्ति’ है और वहां लंबे समय से एक गुरुद्वारा बना हुआ है।

न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने दिल्ली वक्फ बोर्ड की ओर से पेश हुए वकील से कहा, ‘‘वहां एक गुरुद्वारा है, उसे रहने दें। अगर कोई दावा है भी तो आपको यह कहते हुए उस दावे को छोड़ देना चाहिए कि वहां पहले से ही एक गुरुद्वारा है।’’

उच्चतम न्यायालय बोर्ड की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें उसने दिल्ली उच्च न्यायालय के सितम्बर, 2010 के उस आदेश को चुनौती दी थी। आदेश में संपत्ति पर कब्जे के लिए उसके मुकदमे को खारिज कर दिया गया था।

मुकदमे में आरोप लगाया गया कि विचाराधीन संपत्ति एक वक्फ संपत्ति थी, जिसका इस्तेमाल लंबे समय से वक्फ के रूप में किया जा रहा है।

उच्चतम न्यायालय ने हालांकि कहा, ‘‘वहां एक गुरुद्वारा बना हुआ है।’’

वक्फ बोर्ड के वकील ने मामले में निचली अदालत के न्यायाधीश के निष्कर्षों का हवाला दिया और कहा कि वहां एक मस्जिद मौजूद थी।

उन्होंने कहा कि प्रतिवादी के एक गवाह ने खुद स्वीकार किया है कि वहां एक मस्जिद थी और ‘‘गुरुद्वारा की तरह का एक ढांचा’’ बनाया गया था, लेकिन इसका पंजीकरण नहीं कराया गया था।

पीठ ने कहा, ‘‘यह गुरुद्वारा की तरह का ढांचा नहीं, बल्कि यह पूरी तरह से एक गुरुद्वारा है।’’

उच्चतम न्यायालय ने याचिका खारिज करते हुए उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला दिया, जिसमें एक गवाह ने स्वीकार किया था कि 1947 से इस संपत्ति पर एक गुरुद्वारा है।

भाषा

देवेंद्र सुरेश

सुरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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