लखनऊ, 13 मई (भाषा) उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंगलवार को राजभवन में ‘प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान’ के तहत समीक्षा बैठक में इस बात पर जोर दिया कि अभियान की असली सफलता सिर्फ मरीजों का पंजीकरण कराना नहीं है,बल्कि उनके पूरी तरह स्वस्थ होने में निहित है।
राज भवन द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, राज्यपाल पटेल ने अंगीकार किए गए टीबी (क्षय रोग) मरीजों के स्वास्थ्य परिणामों की निगरानी के महत्व को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा, ‘इस पर नजर रखना महत्वपूर्ण है कि मरीजों की कितनी अच्छी तरह से देखभाल की जा रही है, क्या उन्हें समय पर पोषण किट मिल रही है और क्या निरंतर चिकित्सा सहायता प्रदान की जा रही है।’
राज्यपाल ने अधिकारियों को प्रत्येक जिले में चिह्नित किए गए टीबी रोगियों की संख्या, उन्हें कितनी बार पोषण किट दी गई, उनकी चिकित्सा में कितना सुधार हुआ और कितने पूरी तरह से ठीक हो गए, इसका स्पष्ट रिकॉर्ड रखने का निर्देश दिया।
पटेल ने सभी जिलाधिकारियों, मंडल आयुक्तों और स्वास्थ्य अधिकारियों से कहा कि वे नियमित रूप से डेटा को अपडेट और उनका विश्लेषण करें तथा अभियान की प्रगति का सटीक आकलन करने के लिए राज्य सरकार को रिपोर्ट करें।
उन्होंने कहा, ‘इस अभियान को औपचारिकता नहीं माना जाना चाहिए। इसका लक्ष्य प्रत्येक रोगी का पूर्ण रूप से स्वस्थ होना और राज्य को टीबी मुक्त बनाना है।’
राज्यपाल ने कहा कि यह अभियान भारत से टीबी को खत्म करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी लक्ष्य के अनुरूप है।
उन्होंने मध्य प्रदेश में इस पहल की शुरुआत को याद किया, जहां उन्होंने व्यक्तिगत रूप से आंगनबाड़ियों के माध्यम से अभियान की शुरुआत की और बाद में शैक्षणिक संस्थानों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विश्वविद्यालयों को शामिल किया।
राज्यपाल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि जी-20 बैठकों में कई अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने भारत की टीबी उन्मूलन रणनीति में रुचि व्यक्त की और देश के समुदाय-संचालित दृष्टिकोण की सराहना की।
पटेल ने कहा, ‘टीबी रोगियों को दवा के साथ-साथ सहानुभूति, प्यार और स्वीकृति की भी आवश्यकता होती है। समाज को ठीक हो चुके व्यक्तियों को अपनाना चाहिए न कि उन्हें अस्वीकार करना चाहिए।’
उन्होंने कहा कि उन्होंने कुछ महिलाओं को उनके परिवारों से मिलाने के लिए व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप किया।
इस मिशन को केवल एक प्रशासनिक कर्तव्य के बजाय एक सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में देखने का आह्वान करते हुए राज्यपाल ने कहा कि 2019 से राजभवन के कर्मचारियों ने 278 टीबी रोगियों को अंगीकार किया है और राज्य विश्वविद्यालयों ने उनके ठीक होने में सहायता के लिए 5,573 से अधिक रोगियों को अंगीकार किया है।
उन्होंने कहा कि यह सहयोग एक मजबूत संदेश दे रहा है कि सरकार, प्रशासन, शिक्षा संस्थान और नागरिक समाज इस जन कल्याण मिशन के लिए एक साथ आ सकते हैं।
भाषा सलीम संतोष
संतोष
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