नयी दिल्ली, 23 जनवरी (भाषा) केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने रविवार को कहा कि शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को पाने की दिशा में निजी क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है क्योंकि अधिकांश उत्सर्जन उद्योगों से होता है और वह इस वास्तविकता के प्रति पहले ही सचेत हो चुका है।
मंत्री ने एक कार्यक्रम को डिजिटल तरीके से संबोधित करते हुए कहा कि कई कंपनियों ने पिछले एक साल में शून्य उत्सर्जन लक्ष्य को पाने की दिशा में महत्वाकांक्षी घोषणाएं की हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘शून्य उत्सर्जन की ओर हमारी यात्रा में निजी क्षेत्र एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। चूंकि अधिकांश उत्सर्जन उद्योगों से होते हैं, इसलिए जलवायु संबंधी किसी भी कार्रवाई को औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधि से निकलने वाले उत्सर्जन को कम करने या इसकी भरपाई करने की जरूरत होगी।’’
यादव ने एक निजी इक्विटी फर्म के 27 साल पूरे होने के अवसर पर एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘निजी क्षेत्र की कंपनियां पहले ही इस वास्तविकता के प्रति सजग हो चुकी हैं और वे पहले से ही इस अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। शून्य उत्सर्जन के महात्वाकांक्षी लक्ष्य को पाने की दिशा में काम करने वाली कंपनियों की संख्या बढ़ रही है। जलवायु कार्रवाई न केवल उद्योगों को बदल देगी, बल्कि निवेश के विकल्प और धन का प्रवाह कहां होगा, इसमें भी बदलाव होने की संभावना है।’’
मंत्री ने कहा कि ब्रिटेन के ग्लासगो में ‘सीओपी 26’ में भारत की शून्य उत्सर्जन की घोषणा एक बड़ा कदम है, क्योंकि देश ‘‘जलवायु परिवर्तन का कारक नहीं है और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में ऐतिहासिक योगदानकर्ता नहीं रहा है।’’
भाषा आशीष अविनाश
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