नई दिल्ली : एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया ने सोमवार को जारी बयान में कहा है कि मीडिया की स्वतंत्रता और उसके कानून के दायरे में रहकर काम करने के बीच बैलेंस को बनाकर रखना जरूरी है. गिल्ड ने यह भी कहा कि पत्रकारों को परेशान करना तत्काल बंद होना चाहिए.
गिल्ड ने कहा है कि राज्य की ताकत का मनमाना इस्तेमाल पत्रकारों के हित में कभी नहीं हुआ है, न हो रहा है. एडिटर्स गिल्ड ने ये भी कहा कि पत्रकारों को निशाना साधना बंद किया जाना चाहिए.
The Editors Guild of India has issued a statement on FIRs that have been filed against journalists of Republic TV pic.twitter.com/tA4RFKDaBX
— Editors Guild of India (@IndEditorsGuild) October 26, 2020
अपने बयान में एडिटर्स गिल्ड ने कहा कि रिपब्लिक टीवी के पत्रकारों के खिलाफ सैकड़ों एफआईआर देखकर उन्हें दुख है. मनमानी हुकूमत कभी भी काम करने वाले पत्रकारों के हित में नहीं रहा है. मुंबई पुलिस और टीवी चैनल के बीच ये विवाद अभूतपूर्व है, लेकिन मीडिया की स्वतंत्रता और कानून के भीतर इसे रहने के बीच बीच संतुलन बनाए रखना जरूरी है.
गिल्ड ने अपने बयान में कहा कि अभिव्यक्ति के अधिकार का मतलब हेट स्पीच को बढ़ावा देने का लाइसेंस मिल जाना नहीं है.
गिल्ड ने कहा कि टीआरपी घोटाले के अलावा, सुशांत सिंह राजपूत की मौत के दौरान रिपब्लिक टीवी का आचरण भी मीडिया की विश्वसनीयता और रिपोर्टिंग की सीमाओं के मुद्दों को उठाता है. बयान में बॉम्बे हाईकोर्ट की उस टिप्पणी का भी जिक्र किया गया है, जिसमें कोर्ट ने सुशांत मौत की रिपोर्टिंग को लेकर चैनल से सवाल किया था कि ‘क्या ये खोजी पत्रकारिता का हिस्सा है? लोगों से ये पूछना कि किसे गिरप्तार किया जाना चाहिए?’
गिल्ड ने सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले में रिपोर्टिंग को लेकर भी रिपब्लिक टीवी को फटकार लगाई.