नागपुर, 12 दिसंबर (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के संस्थापक शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि विभिन्न समुदायों को आरक्षण के मुद्दे पर नई पीढ़ी में उम्मीद जगाने की जिम्मेदारी केंद्र और महाराष्ट्र सरकार पर है, जो एक ‘‘गंभीर’’ मुद्दा बन गया है।
पवार का बयान राज्य में मराठा समुदाय द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर जारी आंदोलन की पृष्ठभूमि में आया है।
उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र और राज्य की जिम्मेदारी है कि आरक्षण के मुद्दे पर नई पीढ़ी को उम्मीद दें, चाहे वह मराठा, धनगर, लिंगायत या मुस्लिम (समुदायों) को आरक्षण का मामला हो। यह (आरक्षण) एक गंभीर मुद्दा बन गया है।’’
पूर्व केंद्रीय मंत्री यहां राकांपा विधायक (शरद पवार गुट) रोहित पवार द्वारा शुरू की गई ‘युवा संघर्ष यात्रा’ के समापन पर एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
पवार ने कहा कि यात्रा ने 32 दिनों में 800 किलोमीटर की दूरी तय की और महाराष्ट्र के 10 जिलों के 20 तालुकाओं और 400 गांवों से होकर गुजरी।
यह यात्रा शरद पवार के 83वें जन्मदिवस के अवसर पर संपन्न हुई।
शरद पवार ने कहा कि यात्रा का उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकार को ‘‘जगाना’’ था, क्योंकि वे इस कर्तव्य (विभिन्न समुदायों को आरक्षण प्रदान करना) का निर्वहन नहीं कर रहे हैं।
भाषा शफीक दिलीप
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