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शुक्रवार, 25 अप्रैल, 2025
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प्रौद्योगिकी के वर्चस्व की दौड़ शुरू हो गई है, भारत महज दर्शक बनकर नहीं रह सकता: शीर्ष सैन्य अधिकारी

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नयी दिल्ली, 21 अप्रैल (भाषा) सेना के ‘मास्टर जनरल सस्टेनेंस’ (एमजीएस) लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीप सिंह औजला ने सोमवार को कहा कि प्रौद्योगिकी के वर्चस्व की दौड़ शुरू हो गई है और भारत इस दौड़ में महज दर्शक बनकर नहीं रह सकता।

लेफ्टिनेंट जनरल औजला ने उद्योग जगत से देश के सुरक्षित भविष्य के निर्माण के लिए सशस्त्र बलों के साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया।

अधिकारी ने यहां ‘पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री’ द्वारा आयोजित ‘उद्योग संवादात्मक सत्र’ को संबोधित करते हुए कहा कि भारत प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वर्चस्व की इस दौड़ में महज दर्शक बनकर नहीं रह सकता और उद्योग जगत को इसकी कमान संभालनी होगी।

लेफ्टिनेंट जनरल औजला ने घरेलू रक्षा उद्योग क्षेत्र की विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधियों से कहा कि यदि अंतिम उपयोगकर्ता सशस्त्र बल हैं तो गुणवत्ता निर्णायक कारक होनी चाहिए क्योंकि ‘‘हम एक राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए काम कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि उद्योग और सशस्त्र बल भविष्य के बहुत सुरक्षित, मजबूत और बदलते भारत के ‘‘सह-निर्माता’’ हो सकते हैं।

लेफ्टिनेंट जनरल औजला ने कहा, ‘‘वैश्विक परिदृश्य बदल रहा है। भारत भी बदल रहा है और सशस्त्र बल भी बदल रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें अलग-अलग नहीं चलना चाहिए, हमें एक साथ चलना चाहिए, हमें क्षमता निर्माण में साथी बनना चाहिए।’’

सेना के अधिकारी ने कहा कि जहां तक ​​भविष्य का सवाल है, भारत की सैन्य शक्ति ‘‘अब केवल ‘बोर्डरूम’ और अभियान कक्ष में ही तय नहीं होगी, बल्कि अब यह अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं, परीक्षण स्थलों और उद्योग की क्षमता के आधार पर भी तय होगी।’’

लेफ्टिनेंट जनरल औजला ने कहा, ‘‘प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वर्चस्व की दौड़ शुरू हो गई है और भारत केवल दर्शक या मात्र एक भागीदार बनकर नहीं रह सकता। आप (उद्योग) ही वे लोग हैं जिन्हें… कमान संभालनी होगी और सफलता हासिल करनी होगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हमें उठना होगा, हमें कदम बढ़ाना होगा, हमें राष्ट्रीय हित के लिए काम करना होगा। इस राष्ट्रीय हित में राजस्व खरीद और स्थिरता अत्यंत महत्वपूर्ण है।’’

बाद में, लेफ्टिनेंट जनरल औजला ने दर्शकों के साथ बातचीत की और रक्षा मंत्रालय की विभिन्न नीतियों एवं रक्षा क्षेत्र में निजी कंपनियों के सामने आने वाली कुछ समस्याओं सहित कई सवालों का जवाब दिया।

रक्षा मंत्रालय ने 2025 को ‘सुधारों का वर्ष’ घोषित किया है।

लेफ्टिनेंट जनरल औजला ने इन प्रत्याशित सुधारों से उनकी अपेक्षाओं के बारे में पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि वह ‘‘बहुत आशावादी’’ हैं।

भाषा सिम्मी नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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