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शनिवार, 14 जून, 2025
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करंट हादसे में मारे गए पुलिस उपनिरीक्षक एक दिन पहले ही चमोली थाने में तैनात किए गए थे

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गोपेश्वर (उत्तराखंड), 21 जुलाई (भाषा) चमोली में करंट हादसे का शिकार हुए उप निरीक्षक प्रदीप रावत केवल एक दिन पहले ही चमोली थाने में अस्थाई रूप से वहां का कामकाज देखने के लिए तैनात किए गए थे ।

चमोली सर्किल के क्षेत्राधिकारी प्रमोद शाह ने बताया कि हादसे के दिन चमोली थाने के कोतवाल कुलदीप रावत को नैनीताल स्थित उत्तराखंड उच्च न्यायालय जाना था इसलिए प्रदीप रावत को उनकी अनुपस्थिति में कामकाज देखने के लिए पीपलकोटी से चमोली तैनात किया गया था। प्रदीप रावत पीपलकोटी पुलिस चौकी के प्रभारी थे।

नमामि गंगे के तहत बने मल शोधन संयंत्र में करंट से एक व्यक्ति की मौत की सूचना पर बुधवार को उसका पंचनामा करने के लिए रावत मौके पर पहुंचे और उसी स्थान पर दोबारा दौड़े करंट की चपेट में आकर 14 अन्य के साथ उनकी मौत हो गयी।

रूद्रप्रयाग जिले की उखीमठ तहसील में उनके पैतृक गांव उतिण्ड में माहौल बेहद गमगीन है। रावत की हाजिरजवाबी और व्यवहारकुशलता का यहां हर कोई कायल था और इनकी मौत की खबर ने लोगों को झकझोर दिया है।

उपनिरीक्षक रावत ग्यारह महीने पहले ही देहरादून से तबादले पर चमोली आए थे और तब से उनकी तैनाती ऋषिकेश—बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर पीपलकोटी पुलिस चौकी के प्रभारी के रूप में थी ।

उखीमठ के रहने वाले रूद्रप्रयाग जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष चण्डी प्रसाद भट्ट ने कहा कि प्रदीप का जाना इस इलाके के लिए असहनीय घटना है। उन्होंने बताया कि प्रदीप की तीन छोटी बेटियां है जो अपनी मां के साथ देहरादून में रहती हैं। उखीमठ में उनकी मां और भाई रहता है । हादसे के बाद से परिवार बेसुध है ।

भाषा सं दीप्ति दीप्ति रंजन

रंजन

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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