(सिद्धांत मिश्रा)
नयी दिल्ली, 21 मई (भाषा) उत्तरी दिल्ली में मेटकाफ हाउस चौराहे पर फ्लाईओवर बनाने की पीडब्ल्यूडी की योजना को उसी स्थान से गुजरने वाली रैपिड रेल परियोजना के कारण बाधा का सामना करना पड़ा है।
पिछले महीने, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री प्रवेश वर्मा ने घोषणा की थी कि सिविल लाइंस ट्रॉमा सेंटर और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) कार्यालय के पास से छह लेन का फ्लाईओवर बनाया जाएगा।
इस परियोजना का उद्देश्य मेटकाफ हाउस चौराहे पर भीड़भाड़ कम करना है, जहां आउटर रिंग रोड और हेडगेवार रोड मिलते हैं।
पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली में सराय काले खां आईएसबीटी और हरियाणा के करनाल के बीच नमो भारत रैपिड रेल कॉरिडोर आकार ले रहा है, जो उस जगह से गुजर रहा है जहां फ्लाईओवर का निर्माण होना है। इस वजह से फ्लाईओवर की रूपरेखा पर फिर से विचार किया जाएगा।
पीडब्ल्यूडी के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘नमो भारत कॉरिडोर हाल ही में तैयार हुआ है और एनसीआरटीसी (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम) ने हमसे अनापत्ति प्रमाण पत्र मांगा है…इसलिए हमें मेटकाफ हाउस फ्लाईओवर की मौजूदा योजना की व्यवहार्यता देखनी होगी। उन्होंने कहा, ‘‘अगर जरूरत पड़ी तो डबल डेकर फ्लाईओवर के निर्माण के लिए एक और व्यवहार्यता अध्ययन किया जाएगा।’’
अधिकारी ने बताया कि इसलिए पीडब्ल्यूडी फ्लाईओवर के निर्माण के लिए निविदा जारी करने में असमर्थ रहा है, जबकि इस साल की शुरुआत में दिल्ली के मुख्य सचिव ने व्यवहार्यता अध्ययन को मंजूरी दे दी थी।
हालांकि, एनसीआरटीसी के सूत्रों ने कहा कि उनके कॉरिडोर की योजना फ्लाईओवर योजना को मंजूरी मिलने से बहुत पहले ही बनाई गई थी। सूत्र ने कहा, ‘‘हां, हमने नमो भारत कॉरिडोर के लिए आवश्यक अनुमति को लेकर राज्य सरकार से संपर्क किया है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि दोनों परियोजनाएं जन कल्याण के लिए हैं, इसलिए बीच का रास्ता निकालना होगा।
680 मीटर लंबे छह लेन वाले फ्लाईओवर के नीचे एक के बाद एक यू-टर्न बनाने का प्रस्ताव सिविल लाइंस और आस-पास के इलाकों में यातायात की भीड़ को कम करने के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश और पंजाब जैसे उत्तरी राज्यों की ओर अंतरराज्यीय आवाजाही को सुचारू बनाने के लिए किया गया था।
भाषा आशीष नरेश
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